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अरुण जेटली: सोमवार को पेश करेंगे आम बजट

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नई दिल्ली। देश की स्थिर विकास दर, सरकारी खर्च और सुधार की दिशा से संबंधित चिंता के बीच केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली सोमवार को आगामी वित्त वर्ष के लिए आम बजट पेश करेंगे। वित्तमंत्री आम आदमी की उम्मीद कहां तक पूरी कर सकते हैं, इस बारे में शुक्रवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 में सुझाव देते हुए कहा गया है कि उम्मीदों को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है।

बजट में यह भी देखा जाएगा कि सर्वेक्षण के सुझावों को कहां तक अपनाया गया है। सर्वेक्षण में सब्सिडी को सुसंगत करने और अधिक लोगों को कर दायरे में लाने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए जाने जैसे सुझाव दिए गए हैं। यदि शेयर बाजारों को संकेतक माना जाए, तो बजट से पहले प्रमुख सूचकांकों में देखी जा रही गिरावट को शुभ नहीं माना जा सकता है। आर्थिक सर्वेक्षण में वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए मौजूदा वित्त वर्ष में देश की विकास दर के अनुमान को 7.6 फीसदी पर रखा गया है।

सर्वेक्षण में कहा गया है, वैश्विक सुस्ती के कारण 2016-17 की विकास दर 2015-16 के मुकाबले काफी अधिक रहने की उम्मीद कम है। इसमें कहा गया है, सातवें वेततन आयोग की सिफारिशों और वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने से सरकार का खर्च बढ़ेगा। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने भी इसी महीने के शुरुआत में कहा था कि सरकार यदि वित्तीय घाटा कम करने के पूर्व घोषित रास्ते पर चलती भी रहेगी, तब भी भारत की वित्तीय स्थिति समकक्ष देशों के मुकाबले कमजोर ही रहेगी।

मूडीज ने कहा, आगामी आम बजट को महत्व इस बात में निहित है कि वित्तीय घाटा कम करने की योजना पर इसमें क्या कहा जाता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष हर्षवर्धन नेवतिया ने कहा, आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश में 8-10 फीसदी विकास दर हासिल करने की क्षमता है और इसे हासिल करने के लिए तीन क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत है -उद्यमिता को बढ़ावा देना, सरकार की भूमिका कम करना और स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर निवेश बढ़ाना।

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