दिल्ली के ओल्ड नांगल गांव में 9 साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। 1 अगस्त को हुई इस वारदात में आरोपियों ने हत्या के बाद बच्ची की लाश को भी जला दिया।दलित परिवार की बच्ची के साथ इस वारदात के तूल पकड़ने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पीड़ित परिवार से मिल कर संवेदना जता चुके हैं।
वारदात का मुख्य आरोपी ओल्ड कैंट के नांगल श्मशान स्थित मंदिर का पुजारी है। पुलिस ने पुजारी समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन, बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए नांगल गांव के लोगों का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली कैंट के नांगल गांव में किराए के एक छोटे कमरे में रहने वाले सविता और सुनील तड़के उठकर कबाड़ बीनते और फिर दिन में पास यहीं पीर बाबा के मजार पर साफ-सफाई का कम कर देते हैं। जिसके बदले मजार पर आने वाले लोग उन्हें कुछ न कुछ दे देते हैं।
श्मशान के पुजारी पर मां को था भरोसा
सविता अपनी बेटी को अपने आपसे अलग नहीं होने देती थीं, लेकिन, श्मशान के पुजारी पर उन्होंने भरोसा कर लिया था। बच्ची वहां लगे वॉटर कूलर से पानी लेने जाती थी। कभी-कभी वो पुजारी को चाय बनाकर भी दे दिया करती थी। सविता कभी-कभी श्मशान में बने कमरों की साफ-सफाई कर देती थी। कई बार पुजारी उन्हें खाने का कुछ सामान भी दे देता था।
पांच दिन से जारी है प्रदर्शन
लड़की की मौत के बाद स्थानीय लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। नांगल गांव के लोगों ने मुख्य गेट के बाहर सफेद पंडाल लगवा दिया है, जहां लोग गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के कोने-कोने से लोग यहां आ रहे हैं। बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी।
पुलिस ने अब तक क्या किया है?
पुलिस ने श्मशान के 55 वर्षीय पुजारी और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया है। चारों अभियुक्तों पर रेप, हत्या और धमकाने से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा पोक्सो एक्ट और SC-ST एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
मामले की जांच अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हाथ में है। चारों अभियुक्तों ने जो कपड़े पहने थे, उनसे DNA सैंपल ले लिए गए हैं। जलने से बचे बच्ची के शरीर के बचे हुए हिस्से की जांच करने वाले तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने पुलिस को बताया है कि जांच के लिए सिर्फ शव के जले हुए अवशेष थे, जिनके आधार पर किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है।