भोपाल | मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 12वीं की परीक्षा में हिंदी के प्रश्नपत्र में जातिगत आरक्षण पर निबंध आने पर मंगलवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। माशिमं ने हिंदी के प्रश्नपत्र में परीक्षार्थियों को ‘जातिगत आरक्षण देश के लिए घातक’ विषय पर निबंध लिखने का विकल्प दिया था। इस मामले को कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत और मुकेश नायक ने विधानसभा में उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा की मांग की। इस पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के बीच जमकर बहस हुई।
दोनों दलों के विधायकों के बीच तनातनी बढ़ती देख विधानसभा अध्यक्ष सीता शरण शर्मा ने सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की। कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि सरकार बताए कि वह आरक्षण के पक्ष में है या विपक्ष में। वहीं वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार व कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने एक-दूसरे को ‘दलित विरोधी’ करार दिया। आरक्षण को लेकर चली बहस में सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव, विधायक रामेश्वर शर्मा ने हिस्सा लिया और कांग्रेस पर निशाना साधा। वहीं कांग्रेस की ओर से सदन के उप नेता बाला बच्चन, अजय सिंह राहुल, सुंदरलाल तिवारी व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की महिला विधायक शीला त्यागी ने चर्चा में हिस्सा लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने भरोसा दिलाया कि सरकार की ओर से जवाब आने पर चर्चा के संदर्भ में कोई फैसला लिया जाएगा। इसके बाद ही सदन की कार्यवाही आगे बढ़ सकी।