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नाबालिग से रेप मामले में आसाराम को उम्रकैद

जोधपुर। स्वयंभू संत आसाराम बापू के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगने के पांच साल बाद जोधपुर की अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अदालत ने 2013 के इस मामले में बुधवार को उन्हें दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा अन्य दो दोषियों को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है।

आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376, यौन अपराध बाल संरक्षण अधिनियम (पोस्को) और किशोर न्याय अधिनियम (जेजे) के तहत दोषी ठहराया गया। न्यायाधीश मधुसूदन ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जोधपुर केंद्रीय कारागर के अंदर अपना फैसला सुनाया। आसाराम इसी जेल में बंद हैं। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद 2013 में आसाराम को गिरफ्तार किया गया था। किशोरी ने उन पर अगस्त में जोधपुर आश्रम में उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पीड़िता मध्य प्रदेश के उनके छिंदवाड़ा आश्रम में 12वीं कक्षा की छात्रा थी।

आसाराम (77) यौन उत्पीड़न के दो मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। एक मुकदमा यहां राजस्थान में चल रहा है, जबकि दूसरा गुजरात में चल रहा है। उन्हें इंदौर में गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था। वह दो सितंबर 2013 से न्यायायिक हिरासत में हैं। उनके खिलाफ आपराधिक धमकी, आपराधिक साजिश रचने और यौन उत्पीड़न समेत कई अन्य आरोप लगाए गए हैं।

पुलिस द्वारा छह नवंबर 2013 को पोस्को, किशोर अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में आसाराम और चार अन्य सह-आरोपियों शिल्पी, शरद, शिवा और प्रकाश के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। जानकार सूत्रों ने बताया कि अदालत ने शिल्पी (आश्रम की वार्डन) और शरद को भी दोषी ठहराया है, जबकि शिवा और प्रकाश को इस मामले में बरी कर दिया है। सजा का ऐलान बाद में किया जाएगा।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH