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भारत के संसद भवन में लगे होते हैं उलटे पंखे, वजह जानकर हो जायेंगे हैरान

भारत का संसद भवन देश की एक ऐतिहासिक धरोहर है। संसद भवन सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं।

संसद भवन आज़ादी से भी पहले की 88 साल पुरानी संसद की इमारत देश की कला और वास्तुशिल्प का एक कमाल का बेजोड़ नमूना है।

शायद आपको नही मालूम होगा कि बेजोड़ वास्तुशिल्प से बने संसद भवन का निर्माण सालों पहले महज 83 लाख रुपये की लागत के साथ 17 वर्ष के समय में हुआ था। संसद भवन की नींव 12 फरवरी 1921 को ड्यूक ऑफ कनाट ने रखी थी। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों – सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया।

संसद भवन एक विशाल वृत्ताकार भवन है जिसका व्यास 560 फुट है और इसकी परिधि एक मील की एक तिहाई 536.33 मीटर है तथा यह लगभग छह एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है । इसके प्रथम तल पर खुले बरामदे के किनारे-किनारे क्रीम रंग के बालुई पत्थर के 144 स्तंभ हैं और प्रत्येक स्तंभ की ऊंचाई 27 फुट है। भवन के 12 द्वार हैं जिनमें से संसद मार्ग पर स्थित द्वारा सं. 1 मुख्य द्वार है

दोस्तों आज हम इसी बारे में आपको जानकारी देते हुए कुछ ऐसा बताएंगे जिसे जानना आपके लिए बेहद जरुरी है। हाल ही में संसद उस वक्त भी सुर्ख़ियों में आया जब भारत के 14 वें राष्ट्रपति के तौर पर रामनाथ कोविंद ने शपथ ली। देश के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में लगभग सभी पार्टियों के नेता शामिल हुए। लेकिन इस समारोह में कई चीजें ऐसी देखने को मिली जो पहले कभी नहीं देखी गईं।

इन्ही सभी चीज़ों के बीच जो बात सबसे ज्यादा लोगों को दिलचस्प लगी वह ये थी कि सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान आमतौर पर कमरे की सीलिंग पर लगने वाले पंखे संसद में उल्टे लगे हुए दिखे. संसद भवन मे। उलटे लगे पंखों को देख हर कोई इसके पीछे का कारण जानना चाहता है। बहुत से लोगों में इस बात को लेकर काफी उत्सुकता है कि आखिर संसद भवन में उलटे पंखे क्यों लगाये गए

ऐसे में अगर आप ये सोच रहे हैं कि उलटे पंखे केवल सजावट के तौर पर लगाए गये हैं तो यह बात बिलकुल नहीं ग़लत है।

जब हमने इसी जानकारी को लेकर खोज-बीन की गई तो राष्ट्रपति भवन में उल्टे पंखे लगे होने की ऐसी वजह पाई जिसे जानकारी आप भी हैरान हो जाएंगे।  दरअसल, विशेषज्ञों की माने तो ये पंखे शुरू से ही यहां ऐसे उलटे लगे हुए थे

सालों से संसद भवन की ऐतिहासिकता को बनाए रखने के लिए इनके साथ कोई छेड़छाड़ नही की गई और इस चलते इन्हें आज भी उल्टे ही रखा गया है

 

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