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लखनऊ: 2007 कचहरी सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों को उम्रकैद

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 2007 कचहरी सीरियल ब्लास्ट के दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी आजमगढ़ के डॉ.तारिक काजमी और कश्मीर के मोहम्मद अख्तर हैं।दोनों दोषियों के खिलाफ हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश, राष्ट्रदोह, और सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए विस्फोटक जमा करने के आरोप थे। उक्त सभी मामले में इन्हें दोषी पाया है। कोर्ट ने विस्फोटक अधिनियम, अनलॉफुल असेंबली एक्ट के तहत सजा सुनाई है।

23 नवंबर 2007 को पकड़े गए थे दोनों आरोपी

गौरतलब है कि 2007 के कचहरी सीरियल ब्लास्ट के बाद यूपी एटीएस की स्थापना की गई थी। 23 नवंबर 2007 को दोनों आरोपियों ने लखनऊ दीवानी कोर्ट में बम विस्फोट किया था। आतंकी तारिक काजमी पर वाराणसी, लखनऊ व फैजाबाद में सीरियल ब्लास्ट करने का भी आरोप है।

वहीं 22 दिसंबर 2007 को एसटीएफ ने तारिक को उसके साथी खालिद मुजाहिद को चारबाग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दो वर्ष बाद 18 मई 2013 को खालिद मुजाहिद की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई थी। वाराणसी,फैज़ाबाद कचहरी में हुए धमाके में 15 लोगों की मौत हो गई थी।

23 अगस्त को मोहनलालगंज के मॉडल जेल में लगी विशेष की जज बबिता रानी ने दोनों को दोषी करार दिया था। इस मामले के एक अभियुक्त खालिद मुजाहिद की विचारण को दौरान मौत हो चुकी है, जबकि एक अभियुक्त सज्जादुर्र रहमान डिस्चार्ज हो चुका है। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 44 गवाह पेश किए गए। जबकि बचाव पक्ष की तरफ से तीन गवाह पेश हुए थे।

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Manish Srivastava