उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रदेश सरकार भ्रष्ट अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने जा रही है। इन अधिकारियों का जेल में जाना तय माना जा रहा है। गौरतलब है कि गृह व गोपन विभाग ने आर्थिक अपराध शाखा को आदेश जारी कर दिया है कि भ्रष्टाचार में शामिल लगभग डेढ़ सौ अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए, इसकी रजामंदी भी सरकार से मिल गई है।
सूत्रों की मानें तो एक माह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट अधिकारियों के मामले में समीक्षा की तो 450 से अधिक भ्रष्टाचार की फाइलें लंबित पायी गईं। अच्छी पकड़ होने पर इन भ्रष्टाचारियों पर अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की जा सकी है। सामने आया कि जांच एजेंसी, सीबीसीआईडी, ईओडब्ल्यू और एंटी करप्शन सहित कई जांच एजेंसियों ने प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों की काली कमाई की फाइलों को दबाकर रखा हुआ है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में और प्रमुख सचिव गृह की निगरानी में एक समिति बनाई और पड़ताल शुरू कराई। साथ ही दो माह के भीतर ऐसे लोगों की फाइलों का निस्तारण कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। इसी कड़ी में आर्थिक अपराध शाखा में लंबित लगभग डेढ़ सौ मामलों में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
इस मामले में कई अफसर और कर्मचारी शामिल हैं।ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश में योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से काम कर रही है। काली कमाई और भ्रष्टाचार में जो भी अफसर शामिल हैं, उनके खिलाफ एफआईआर कर जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। अभी 144 मामलों पर एफआईआर होगी, जिसकी सरकार ने रजामंदी कर दी है।