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इंडोनेशिया में सुनामी से मरने वालों की संख्या 222 हुई

 जकार्ता, 23 दिसम्बर (आईएएनएस)| इंडोनेशिया के सुंडा स्ट्रेट के तट पर आई सुनामी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 222 हो गई है जबकि 800 से अधिक लोग घायल हुए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रविवार को अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी।

 इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पूर्वो नुगरोहो के हवाले से बताया गया है कि 222 लोगों की मौत हो चुकी है और 843 लोग घायल हुए हैं। 28 लोग लापता हैं। प्रवक्ता ने कहा कि मरने वालों की संख्या के बढ़ने की आशंका है।

‘बीबीसी’ की रिपोर्ट अनुसार, शनिवार रात 9.30 बजे के आसपास तट से टकराने वाली लहर के बाद और अधिक ऊंची लहरों को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की गई थी। पांडेगलांग, साउथ लाम्पुंग और सेरांग इलाकों में मौतें हुई हैं।

‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया आपदा एजेंसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने लाम्पुंग में हुए नुकसान की तस्वीर ट्वीट कर कहा कि अकेले लाम्पुंग प्रांत में ही बहुत अधिक लोगों की मौत हुई है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने एक और सुनामी की आशंका के कारण लोगों को तट से दूर रहने की चेतावनी दी है। प्रभावित क्षेत्रों में पश्चिम जावा का लोकप्रिय तांजुंलह लेसुंग बीच रिसॉर्ट शामिल है।

आपातकाल अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि सुनामी का कारण अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी है या नहीं।

आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि शनिवार को आई सुनामी के कारण सैकड़ों इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

सुनामी को लेकर अभी तक लगाए अनुमान के अनुसार, सुंडा स्ट्रेट के क्राकाटाओ ज्वालामुखी में विस्फोट के कारण समुद्र के अंदर की चट्टानें खिसक गईं और उसके बाद सुनामी आई। जावा और सुमात्रा के द्वीपों के बीच का सुंडा स्ट्रेट जावा सागर को हिंद महासागर से जोड़ता है।

सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में नजर आ रहा है कि एक समुद्र लहर रिसॉर्ट तक पहुंच गई जहां इंडोनेशिया का रॉक बैंड ‘सेवंटीन’ प्रस्तुति दे रहा था।

तस्वीरों में लहर के साथ बैंड के सदस्य भी बहते हुए नजर आ रहे हैं।

देश के रेड क्रॉस ने बताया कि वह एक प्रभावित इलाके में पहुंचे हैं और ध्वस्त इमारत के मलबे से लोगों को खोज रहे हैं।

पश्चिमी जावा के एनयर बीच पर मौजूद नार्वे के फोटोग्रॉफर ओएस्टीन लुंड एंडरसन ने कहा, “मैं समुद्र तट से विस्फोटित हो रहे क्राकाटोआ ज्वालामुखी की तस्वीरें ले रहा था। मैं अकेला था और मेरे परिवार कमरे में सो रहा था।”

उन्होंने बताया, “शाम के वक्त ज्वालामुखी में काफी विस्फोट हुए लेकिन समुद्र पर उठीं तेज लहरों से ठीक पहले वहां कोई गतिविधि नहीं हो रही थी। लेकिन अचानक मैंने समुद्र की लहरें आती देखीं और मैं वहां से भागा और सीधे होटल पहुंचा जहां मेरी पत्नी और बेटा सो रहे थे।”

उन्होंने कहा, “समुद्र की लहर होटल के करीब से गुजरी। सड़क किनारे खड़ीं कारें लहरों की चपेट में आ गईं। हम और अन्य लोग इसके बाद होटल से निकल कर जंगल की ओर भागे और एक पहाड़ी पर चढ़ गए।”

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