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अमेरिका में गूगल ने जीता मुकदमा

सैन फ्रैंसिस्को, 30 दिसम्बर (आईएएनएस)| शिकागो में गूगल के खिलाफ निजता भंग करने को लेकर दायर मुकदमे को न्यायाधीश ने खारिज कर दिया। गूगल पर आरोप था कि उसने इजाजत के बगैर स्कैन करने के लिए चेहरे की पहचान करने वाली प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके निजता भंग की है। ‘द वर्ज’ की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2016 में एक महिला ने गूगल के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। महिला का आरोप था कि गूगल ने उनकी इजाजत के बगैर उनका डेटा गूगल फोटो पर अपलोड करने और उनके चेहरे का टेम्प्लेट बनाने के लिए फोटो को स्कैन किया।

न्यायाधीश ने कोई मूर्त नुकसान नहीं होने का हवाला देते मुकदमे को खारिज कर दिया।

मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि गूगल ने इलिनोइस बायोमेट्रिक इन्फोर्मेशन प्राइवेसी एक्ट का उल्लंघन किया है। अमेरिका में इस कानून को सबसे सख्त बायोमेट्रिक प्राइवेसी (निजता) कानून माना जाता है।

कानून में कंपनी को किसी व्यक्ति का बायोमेट्रिक स्कैन के लिए उनकी स्पष्ट इजाजत लेनी पड़ती है।

गूगल के अलावा, स्नैपचैट और फेसबुक को भी कथित तौर पर इलिनोइस कानून भंग करने के लिए मुकदमे का सामना करना पड़ा है।

इन तीनों कंपनियों में गूगल पहली कंपनी है, जिसने निजता कानून भंग करने के आरोप को लेकर दायर मुकदमा जीता है।

 

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