चैत्र नवरात्र का आज प्रथम दिन है। नवरात्र के त्योहार की धूम के साथ-साथ पुरे देश में गुड़ी पड़वा की भी धूम है। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता है। गुड़ी’ का अर्थ ‘विजय पताका’ होता है। ऐसा माना जाता है कि इसी विधि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है।
#WATCH: #GudiPadwa being celebrated in #Maharashtra today, women take out a two wheeler rally in Mumbai pic.twitter.com/9J2gNCx8tP
— ANI (@ANI) April 6, 2019
गुड़ी पड़वा के खास मौके को महाराष्ट्र में महिलाओं ने एक अनोखे अंदाज़ में मनाया। मुंबई की सडकों पर महिलाओं ने पारंपरिक परिधान पहनकर बाइक चलाई। अपनी पेशवाई ठाठ दिखते हुए महिलाओं ने यहां महिलाएं और लड़कियां साड़ी और अन्य आभूषण पहनकर सड़कों पर खुशी में झूमते नजर आए।पेशवाई वेशभूषा में जब महिलाएं मुंबई की सड़क पर उतरी तो उन्हें देखने के लिए लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने खुशी, उत्साह, नृत्य, संगीत और फूलों की विशाल रंगोली बनाकर भारतीय नववर्ष का जश्न धूमधाम से मनाया। गुड़ी पड़वा और भारतीय नववर्ष को महाराष्ट्र में एक विशेष अंदाज में मनाया जाता है। इस पर्व में ज्यादातर घरों के बाहर गुड़ी (गुड़िया) उभारते हैं या नए रेशमी कपड़े, माला, नीम की टहनियां, एक चांदी के साथ बंधी हुई बांस की डंटी बांधते हैं।इस विशेष मौके पर पूरे महाराष्ट्र में सार्वजनिक अवकाश होता है। इस दिन सार्वजनिक और निजी प्रतिष्ठान आयोजित किए जाते हैं, जो समृद्धि और शुभकामनाएं लाने का अनोखा ‘मुहूर्त’ है। महाराष्ट्र की महिलाएं इस त्योहार के मौके पर ‘श्रीखंड’ और ‘संथ पाका’ और ‘अंबे दाल’, ‘पूरन पोली’ और अन्य पकवान बनाती हैं।