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जिसे लोग दूसरा सचिन बता रहे थे, डोपिंग के कारण बीसीसीआई ने उसपर लगाया बैन

नई दिल्ली। उभरते हुए क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर डोपिंग के कारण 8 महीने का बैन लगा दिया गया है। वे नवंबर तक कोई भी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेल सकेंगे। पृथ्वी के अलावा विदर्भ के अक्षय दुलारवर और राजस्थान के दिव्य गजराज पर भी डोपिंग के कारण बैन लगा है। बीसीसीआई ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि पृथ्वी शॉ ने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया जो आमतौर पर खांसी की दवा में पाया जाता है।

बीसीसीआई ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा, “पृथ्वी शॉ की पुष्टि से सहमत होकर बोर्ड ने उन्हें आठ माह के लिए निलंबित किया है। यह निलंबन 16 मार्च 2019 से शुरू हो रहा है और 15 नवंबर को समाप्त होगा।” बीसीसीआई के अनुसार पृथ्वी शॉ ने इंदौर में 22 फरवरी 2019 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी मैच के दौरान बीसीसीआई के डोपिंग रोधी परीक्षण कार्यक्रम के दौरान यूरिन सैंपल दिया था। उनके नमूने में ‘टर्ब्यूटलाइन’ पदार्थ की मात्रा पाई गई है। यह पदार्थ विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की प्रतिबंधित दवाओं की सूची में शामिल है।

बयान में कहा गया है, “16 जुलाई, 2019 को शॉ को बीसीसीआई के डोपिंग रोधी नियमों (एडीआर) के अनुच्छेद 2।1 के अंतर्गत डोपिंग रोधी नियम उल्लंघन (एडीआरवी) का दोषी पाया गया और उन्हें आरोप की जांच होने तक अस्थायी रूप से प्रतिबंधित किया गया। शॉ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को माना, लेकिन कहा कि उन्होंने अनजाने में इस पदार्थ का सेवन किया, चूंकि उन्हें खांसी थी और इसके लिए उन्होंने जो दवाई ली थी उसमें प्रतिबंधित पदार्थ के अंश थे जिससे वो अनजान थे।”

पृथ्वी शॉ ने ट्वीट करके इसको स्वीकार लिया है और अपने साथी खिलाड़ियों को इन चीज़ों का ध्यान रखने की सलाह भी दी है। शॉ ने अपने ट्वीट में लिखा, “मुझे आज पता चला है कि मैं 15 नवंबर तक क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा। मेरे नमून में प्रतिबंधित प्रदार्थ ‘टर्ब्यूटलाइन’ की मात्रा पाई गई है। दरअसल, मैंने फरवरी 2019 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी मैच के दौरान तेज सिर दर्द के कारण खांसी की दवा ली थी। यह सब अनजाने में हुआ। ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान मेरे पैर में चोट लग गई थी। मैं क्रिकेट खेलना चाहता था, इसलिए प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर पाया। खैर, यह सब भाग्य में लिखा था। पिछले टूर्नामेंट में जो चोट लगी है, उससे अभी उबर रहा हूं लेकिन इस बैन की खबर ने मुझे झकझोर दिया है।”

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH