Uttarakhand

अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सहित भाजपा के कई दिग्गज नेता स्मृति स्थल ‘सदैव अटल’ पर पहुंचे और अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीँ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रथम पुण्य तिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

मुख्यमंत्री ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर भावभीनी श्रद्धांजली देते हुए कहा कि वे भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के एक महान नेता थे। अटल जी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव रहा था। उत्तराखण्ड को अलग राज्य के रूप में स्थापित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, उन्होंने ही उत्तराखण्ड राज्य के गठन को मंजूरी दी थी। अटल जी ने उत्तराखण्ड को विशेष राज्य का दर्जा देते हुए विशेष औद्योगिक पैकेज भी स्वीकृत किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव होने के नाते उत्तराखण्ड की जनता सदैव उनकी आभारी रहेगी। अटल जी का पूरा जीवन निर्धनों व वंचितों की सेवा के लिए समर्पित रहा। वे देश के पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया। पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण कराकर पूरी दुनिया में भारत की अटल मजबूती का संदेश श्रद्धेय अटल जी ने दिया। पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध में अटल जी के दृढ़ नेतृत्व में भारतीय सेना ने अद्वितीय पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तानी घुसपैठियों का पूरी तरह से सफाया कर दिया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अटल जी के नेतृत्व ने देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली। उनके कार्यकाल में अनेक महत्वपूर्ण आर्थिक व संरचनात्मक सुधार किए गए। स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत गांवों-शहरों को सड़कों से जोड़ा गया, जिसके कारण भारत में आर्थिक विकास को एक नई गति मिली। अटल जी के विचार व आदर्श हमें सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।

बता दें भारत रत्न से सम्मानित और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। जिसके बाद बीजेपी ने उनकी अस्थियों को देश की 100 नदियों में प्रवाहित किया था और इसकी शुरुआत हरिद्वार में गंगा में विसर्जन के साथ हुई थी। अटल बिहारी वाजपेयी सबसे पहले 1996 में 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने। बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए। 13 अक्टूबर 1999 को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया।

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the authorBRIJESH SINGH