लखनऊ। कमलेश तिवारी के हत्यारों पर यूपी ने ढाई लाख के इनाम की घोषणा की है। सूरत के रहने वाले मुख्य आरोपी मुइनुद्दीन और अशफाक के बारे में पुलिस ने लखनऊ के लालबाग स्थित होटल खालसा इन जानकारियां जुटाईं थी। होटल में दोनों आरोपियों ने आईडी के तौर पर अपना आधार कार्ड दिया था। आधार कार्ड से हत्यारों की पहचान सूरत निवासी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद के रूप में हुई थी।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि पुलिस ने नाका हिंडोला क्षेत्र में होटल खालसा इन से खून से सना भगवा कुर्ता और एक तौलिया बरामद किया है। हत्यारे इसी होटल में रुके थे। इसके अलावा शेविंग किट और मोबाइल फोन के साथ एक बैग भी बरामद किया गया है। डीजीपी ने संवाददाताओं को बताया, “हम यह जांचने के लिए कुर्तो और तौलिया को फॉरेंसिक विशेषज्ञों के पास भेज रहे हैं कि क्या कपड़ों पर लगा खून कमलेश तिवारी का है। एसआईटी होटल स्टाफ से भी पूछताछ कर रही है।”
जांच अधिकारियों के अनुसार, हत्यारे कानपुर से सड़क मार्ग से गुरुवार को लखनऊ आए थे और उसी दिन लखनऊ से चले गए। उसी दिन उनकी लोकेशन हरदोई, बरेली और उसके बाद गाजियाबाद में पाई गई। डीजीपी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कातिल अपनी पहचान छिपाना नहीं चाहते थे और साथ में उन्होंने सबूत भी छोड़ दिए।
उन्होंने कहा, “उन्होंने सूरत से मिठाई खरीदी और उसके साथ बिल छोड़ दिया, जिसके माध्यम से मिठाई की दुकान मिल गई और वहां सीसीटीवी में उनकी पहचान हो गई।” डीजीपी ने कहा कि कातिलों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए पुलिस हर संभव कोशिश करेगी। इस बीच मृतक के परिजनों ने कई मांगों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।
परिजनों ने कातिलों को कड़ा दंड देने, परिवार के सदस्यों को सुरक्षा मुहैया कराने तथा हथियारों के लाइसेंस देने, परिवार को उचित मुआवजा देने, मृतक के बड़े बेटे सत्यम तिवारी को सरकारी नौकरी और परिवार के लिए एक घर की मांग की है।इसके अलावा उन्होंने लखनऊ में कमलेश तिवारी की प्रतिमा लगाने और खुर्शीद बाग का नाम कमलेश बाग करने की भी मांग की है।
इसी संबंध में शिवसेना के एक स्थानीय नेता अरुण पाठक ने तिवारी के कातिलों का सर लाने वाले को एक लाख रुपये देने की घोषणा की है।मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।