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शरद पवार पर भारी पड़ा अमित शाह का चाणक्य दिमाग, लग गई है एनसीपी के खेमे में सेंध!

मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति इस समय पल-पल करवटें बदलती दिखाई दे रही है। शनिवार की सुबह अचानक दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। फडणवीस का शपथ लेना था कि एक साथ सरकार बनाने की कोशिश कर रही शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी हरकत में आईं और अपने-अपने विधायकों को संजोने में लग गई। सबसे बड़ी टूट का कहर एनसीपी पर गिरना था, लेकिन पार्टी प्रमुख शरद पवार ने आनन-फानन में अपने विधायकों की अहम बैठक बुलाई और इस बैठक में उनके 54 में से 43 विधायक शामिल हुए।

हालांकि शरद पवार के खेमे से विधायकों की संख्या को लेकर अलग-अलग तरह के दावे अब सामने आ रहे हैं। शनिवार को विधायक दल की बैठक के बाद एनसीपी की ओर से कुल 49 विधायकों का साथ होने का दावा किया गया। इसमें से 43 विधायकों के बैठक में मौजूद होने का दावा किया गया जबकि 6 विधायकों के बारे में कहा गया कि वे रास्ते में हैं।

एनसीपी ने बताया कि 5 विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। मगर सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना और एनसीपी की ओर से जो दलीलें पेश की गई हैं उनमें विधायकों की संख्या को 41 बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट में एनसीपी ने बताया कि इतने विधायक उस बैठक में शामिल हुए और सभी ने अपने हस्ताक्षर भी किए। इस बीच एनसीपी विधायक दल के नए नेता जयंत पाटिल राजभवन के पास एक चिट्ठी लेकर पहुंचे। उन्होंने कहा कि पुरानी जिस चिट्ठी का सहारा लेकर अजित पवार ने समर्थन का दावा किया था, वह चिट्ठी पार्टी को भरोसे में लिए बगैर दी गई थी।

उन्होंने राजभवन में एक नई चिट्ठी भी सौंपी। धर छगन भुजबल सरीखे एनसीपी के नेता अजीत पवार को छोड़कर शेष सभी विधायकों के साथ होने का दावा कर रहे हैं। उनके मुताबिक कुल 53 विधायक एनसीपी के साथ हैं। पर अजित पवार के खेमे के मुताबिक एनसीपी इस संख्या को बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रही है। 20 से 25 विधायक ऐसे हैं जो अजित पवार खेमे के प्रति आस्था जता चुके हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH