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फांसी के खौफ में जी रहे निर्भया के दोषी, खाना-पीना छोड़ा

नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों की दया याचिका पर राष्ट्रपति का फैसला अभी नहीं आया है जेल लेकिन प्रशासन ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार जेल प्रशासन ने फांसी देने का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। मंडोली जेल में बंद पवन को तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया है, जिससे यह संभावना जतायी जा रही है कि चारों दोषियों को एक साथ ही फांसी दी जायेगी। बताया जा रहा है कि चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, पवन और विनय शर्मा पर जेल प्रशासन कड़ी नजर रखे हुए हैं। इनकी गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। बताया जा रहा है कि मौत करीब आने की भनक चारों को लग गई है।अब उनकी नींद उड़ चुकी है, घबराहट में उनका खाना-पीना छूट गया है।

निर्भया गैंगरेप के तीन दोषी अक्षय, मुकेश और मंडोली जेल से यहां शिफ्ट किए गए पवन को तिहाड़ की जेल नंबर-2 के वॉर्ड नंबर-3 के तीन सेल में रखा गया है। जबकि चौथे कैदी विनय शर्मा को जेल नंबर-4 में रखा हुआ है। सभी की नींद उड़ चुकी है। ये सभी न केवल घबराए हुए हैं, बल्कि ठीक से खाना भी नहीं खा पा रहे हैं। फांसी की आहट का असर ये है कि अब दोषी अपने-अपने सेल में देर रात तक चक्कर काटते रहते हैं। किसी भी दोषी को कोई दवा नहीं दी गई है, लेकिन इन्हें तरल पदार्थ और ठोस भोजन इस तरह से दिया जा रहा है कि इनका रक्तचाप सही रहे। चारों दोषियों को फांसी देने वाली दया याचिका पर अभी राष्ट्रपति की ओर से कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। लेकिन इससे पहले तिहाड़ जेल में फांसी कोठी और अन्य चीजों की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

दोषियों को 16 या फिर 29 दिसंबर (निर्भया की मौत हुई थी इस दिन) को फांसी पर लटकाया जा सकता है। तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसा नहीं है कि फांसी देने के लिए सारी रस्सी बक्सर से ही मंगाई जाएंगी। हमारे पास पांच रस्सी अभी भी हैं। लेकिन हम बक्सर प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं। वहां से फांसी देने वाली स्पेशल 11 रस्सी मंगाए जाने की बात है। इन्हें जल्द मंगा लिया जाएगा। क्योंकि अगर इन चारों को फांसी दी जाती है तो तिहाड़ जेल के पास जो पांच रस्सियां हैं। वह कम पड़ जाएंगी। इनमें से एक-दो रस्सी से ट्रायल भी किया जाना है। पूणे की यरवदा सेंट्रल जेल में भी ऐसी विशेष रस्सियां बनती हैं। लिहाजा तिहाड़ जेल प्रशासन वहां से भी रस्सी मंगा सकता है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH