नई दिल्ली। इराक में स्थित अमेरिका के ऐन अल-असद एयरबेस पर बुधवार को ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले में कोई 80 अमेरिकी जवानों की मौत हो गई और लगभग 200 अन्य घायल हो गए हैं। आईआरजीसी सूत्रों का कहना है कि ईरान के शीर्ष मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के प्रतिशोध में ये मिसाइलें दागी गई हैं।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलमानी मारे गए थे, जिसके बाद से अमेरिका और ईरान के रिश्तों में तल्खी बढ़ गई है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि मिसाइल हमले में कोई हताहत हुआ है या नहीं या अड्डे में किस तरह का नुकसान हुआ है। यह भी पक्के तौर पर ज्ञात नहीं है कि कितनी मिसाइलें दागी गईं या वे किस प्रकार की थीं।
व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हमले के बारे में सूचित किया गया है और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के संपर्क में हैं, जबकि ईरान की सरकारी मीडिया ने कहा है कि रिवोल्यूशनरी गार्डस ने हमले को अंजाम दिया। ईरान की समाचार एजेंसी आईएसएनए के मुताबिक, “आज सुबह, (ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड) के साहसी लड़ाकों ने ‘ओह जाहरा’ कोड के साथ आतंकवादी अड्डे और आक्रामक अमेरिकी फोर्सेज ‘एन अल असद’ पर 10 मिसाइलें दाग कर ऑपरेशन शहीद सुलेमानी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।”
एबीसी न्यूज ने बताया कि एक अमेरिकी अधिकारी ने पुष्टि की है कि इराक में कई अमेरिकी सैन्य अड्डों पर ईरान के अंदर से ‘बैलिस्टिक मिसाइलों’ को दागा गया, जिसमें उत्तरी इराक में एरबिल और पश्चिमी इराक में अल असद एयर बेस शामिल हैं।