नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आगामी 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर हैं। उनके दौरे पर पूरी दुनिया की निगाहे हैं। ट्रंप की सुरक्षा के लिए भारत में सुरक्षा के तगड़े प्रबंध किए गए हैं। बात जब विश्व के सबसे शक्तिशाली राजनेता की हो तो उसके इंतजाम भी सबसे खास होते हैं। लिहाजा ट्रंप की विशेष कार ‘द बीस्ट’ पहले ही भारत पहुंच चुकी है, जिसे दुनिया की सबसे सुरक्षित कार माना जाता है। ट्रंप की खास कार ‘द बीस्ट’ उन तमाम अत्याधुनिक सुविधाओं और हथियारों से लैस है जिसकी जरूरत किसी भी तरह की आपात स्थिति के दौरान पड़ सकती है।
न्यूक्लियर हमला भी बेअसर
डोनाल्ड ट्रंप की कार का गेट 8 इंच मोटी स्टील, एल्यूमिनियम, टाइटेनियम और सिरेमिक का बना हुआ होता है। कार के शीशे 5 लेयर्स से बने होते हैं। जिस कार में डोनाल्ड ट्रंप चलते हैं, उसे खासतौर पर ट्रंप की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इस कार पर ना तो बम का असर होता है ना ही कैमिकल अटैक का। यहां तक कि अगर उनकी कार न्यूक्लियर हमले की शिकार हो जाए तो भी ट्रंप को कुछ नहीं होगा। यानी सुरक्षा के लिहाज से एकदम परफेक्ट कार। बताया जाता है कि ये कार करीब 20 हजार पाउंड वजन की है, जिसकी कीमत लगभग 10 करोड़ रुपए है।
कार में मशीनगन
इस कार में मशीन गन भी लगी रहती है। इसमें जो ईंधन भरा जाता है, उसके साथ स्पेशल तरीके का फोम मिक्स होता है, जिससे किसी भी हालत में टैंक में धमाका ना हो। फायर फाइटिंग, टीयर गैस सिस्टम, नाइट विजन कैमरा और खास तरह के टायर इस कार को बेहद आधुनिक बनाते हैं। अगर इसका टायर पंचर भी हो जाए, तो भी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला ना ही इसकी स्पीड पर कोई फर्क पड़ेगा।
14 गाड़ियों के काफिले के बीच चलती है कार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार 14 गाड़ियों की काफिले के बीचोबीच चलती है। काफिले में आगे और पीछे 9 ऐसी बाइके होती हैं, जो आधुनिक उपकरणों से लैस होती है और वह रास्ता सुरक्षित करती चलती हैं। यहां तक कि कार की डिक्की में डॉनल्ड ट्रंप के ब्लड ग्रुप वाले खून के केस हमेशा रखे रहते हैं। इनकी कार के साथ मिलिट्री ऑफिसर और डॉक्टर भी चलते हैं, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।
बेहद ख़ास कमांडों करता है कार ड्राइव
इस खास कार को बेहद खास अमेरिकी कमांडो ड्राइव करता है। इस कमांडो को लगभग हर तरह के हथियार चलाने का प्रशिक्षण मिला होता है। ये कमांडो करीबी लड़ाई की हर कला में भी पारंगत होता है। ड्राइवर को ऐसा प्रशिक्षण मिला होता है कि वह हर स्थिति में कार को ड्राइव कर सके। ट्रंप की लिमोजीन में ड्राइवर सीट के साथ पूरा कम्युनिकेशन सेंटर होता है और ये कार जीपीएस से लैस होती है।
कार में ही सीक्रेट मीटिंग कर सकते हैं ट्रंप
ड्राइवर का केबिन कांच के जरिए ट्रंप के केबिन से अलग होता है। यानी ट्रंप अपनी कार में ही 6-7 लोगों के साथ सीक्रेट मीटिंग या किसी के साथ फोन पर सीक्रेट बात कर सकते हैं। उनके इस कार में हर सीट को कांच के चैंबर से अलग किया जा सकता है, जिसका बटन सिर्फ ट्रंप के पास होता है। जिस सीट पर डोनाल्ड ट्रंप बैठते हैं, उसके बगल में ही उनके हाथ के पास एक सैटेलाइट फोन होता है, जिसके जरिए कभी भी सीधे पेंटागन और उप राष्ट्रपति से बात की जा सकती है।