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मुसलामानों के शरीर के अंग निकालकर कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहा चीन

बीजिंग। चीन से दुनियाभर में फ़ैल चुके कोरोना वायरस के हज़ारों से ज्यादा मामला सामने आ चुके है। चीन के वुहान शहर से पूरी दुनिया में फैला चुका इस वायरस की वजह ने 4000 से अधिक लोगों की जान ले ली है। ख़ुशी की बात यह है कि चीन में इस वायरस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। इस वायरस की वजह से चीन में मरने वालों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है लेकिन चीन कि मुश्किलें ख़त्म नहीं हुई है। चीन कि एक रिपोर्ट की माने तो चीनी सरकार कैंप में बंद उइगर मुस्लिमों के अंग निकालकर कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रही है।

डेली स्टार और बाइलाइन टाइम्स की माने तो मशहूर इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट सीजे वर्लमैन ने दावा किया है कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें कोरोना वायरस पीड़ितों की जान बचाने के लिए किसी ओर्गेन की ज़रूरत पड़ी और वह बड़ी ही आसानी से उपलब्ध करा दिया गया। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन पर ऐसे इलज़ाम लगे हैं। इससे पहले भी सितंबर 2019 में ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई थीं जिनमें डिटेंशन सेंटर्स में मुस्लिमों केस साथ ज्यादती की ख़बरें आई थीं।

सीजे वर्लमैन की माने तो, चीन ने कुछ ही दिन पहले पहली बार डबल ट्रांसप्लांट के सफल ऑपरेशन का ऐलान किया था। ये ऑपरेशन 59 साल के एक शख्स की जान बचाने के लिए किया गया था जो कि कोरोना वायरस के चलते ओर्गेन फेलियर से जूझ रहा था। लेकिन कोरोना के चलते सामान्य के मुकाबले ओर्गेन डिमांड बेहद हाई होने के बावजूद भी इस शख्स को दोनों ही अंग सिर्फ पांच दिन के भीतर उपलब्ध हो गए।

अब सवाल यह उठता है कि ये सारे शक फिर से पैदा हो गए हैं कि ये अंग आखिर आ कहां से रहे हैं? चाइनीज ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट भी इस बात पर शक जाहिर करते हैं कि चीन में एक लंग (फेफड़ा) मिलने के लिए भी सालों की वेटिंग लिस्ट है लेकिन कोरोना के मामले में ये सिर्फ कुछ ही दिनों में उपलब्ध करा दिया जा रहा है, वो भी परफेक्ट मैच के साथ। वे आगे कहते है कि चीन उन देशों में से है जहां ओर्गेन डोनेशन रेट काफी कम है। हालांकि कोरोना के मामले में अभी तक ऐसी ख़बरें सामने आई हैं जिसमें 10000 लोगों को आसानी से ओर्गेन मिल गया है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH