न्यूयार्क | विटामिन डी की उच्च खुराक का सेवन बहुभागी (मल्टीपल) स्केलोरोसिस के इलाज के लिए कारगार साबित हो सकता है। एक नए शोध से यह बात सामने आई है। मल्टीपल स्केलोरोसिस एक स्व प्रतिरक्षित (ऑटो इम्यून) बीमारी है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। इस रोग के इलाज में विटामिन डी अहम योगदान दे सकता है। हॉपकिन्स युनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ता पीटर कैलाब्रेसी के अनुसार, “यह निष्कर्ष रोमांचक है कि विटामिन डी स्क्लेरॉसिस के इलाज के लिए सुरक्षित, सस्ता और सुविधाजनक है।”
श्रीर में विटामिन डी के कम स्तर से मल्टीपल स्क्लेरॉसिस की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, विटामिन डी की कमी से अपंगता और कई रोगों के होने का खतरा होता है। इस अध्ययन में 40 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जो मल्टीपल स्क्लेरॉसिस से पीड़ित थे। इन्हें 10,400 इंटरनेशनल यूनिट्स (आईयू) और 800 इंटरनेशनल यूनिट्स विटामिन डी की खुराक छह महीनों तक प्रतिदिन दी गई। इस अध्ययन में विटामिन डी की कमी वाले लोगों को शामिल नहीं किया गया था।
रक्त में विटामिन डी और ‘टी’ कोशिकाओं की मात्रा को मापने के लिए अध्ययन की शुरुआत में रक्त की जांच की गई। इसकी दोबारा यह जांच अध्ययन के तीसरे महीने और फिर छठे महीने में की गई। मल्टीपल स्क्लेरॉसिस से ग्रस्त लोगों के रक्त में विटामिन डी का सर्वश्रेष्ठ स्तर जानने के लिए 40 से 60 नैनोग्राम प्रति मिली को एक लक्ष्य के रूप में प्रस्तावित किया गया।
निष्कर्ष में देखा गया कि मल्टीपल स्क्लेरॉसिस से ग्रस्त जिन प्रतिभागियों को विटामिन डी की उच्च मात्रा दी गई उन्होंने अपना लक्ष्य पूरा करने में कामयाबी हासिल की। वहीं विटामिन डी की कम खुराक लेने वाले प्रतिभागी अपने लक्ष्य को पूरा करने में असफल रहे। इसके अलावा विटामिन डी की उच्च खुराक लेने वाले प्रतिभागियों में मल्टीपल स्क्लेरॉसिस से संबंधित ‘टी’ कोशिकाओं के प्रतिशत में कटौती देखी गई। अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी की उच्च और निम्न खुराक लेने वाले दोनों ही प्रतिभागियों में विटामिन डी के दुष्प्रभाव निम्न रहे।