नई दिल्ली। चीन के बाद कोरोना वायरस ने जिस देश पर सबसे अधिक कहर बरपाया वो है इटली। फरवरी के अंत मे कोरोना वायरस इटली में फैलने लगा था। कुछ ही दिनों के अंदर कोरोना वायरस के चपेट में हज़ारों लोग आ गये और आंकड़ा इतना बढ़ गया कि इटली में 5476 लोगो की मौत सिर्फ इसी बीमारी से हो चुकी है।
इस दौरान सोशल मीडिया पर इटली की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें रोड पर सैकड़ों की संख्या में लोग मरे हुए नज़र आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन सबकी मौत कोरोना की वजह से हुई है।
हालांकि जब इस तस्वीर की जांच की गई तो पता चला कि इस तस्वीर का कोरोना से कोई लेना देना नहीं है। दरअसल ये फोटो जर्मनी के फ्रैंकफर्ट की है. 2014 में ली गई यह तस्वीर एक कला प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसमें नाजी कंसंट्रेशन कैंप को दर्शाने की कोशिश की गई थी।
रिवर्स सर्च के जरिये कई ऐसे न्यूज रिपोर्ट सामने आयी जिसमें साफ लिखा है ये तस्वीर 2014 की है. दरअसल 1945 में हिटलर के काटजबेक नाजी कैंप में 528 ज्यूस मारे गए थे। काटजबेक के इन पीड़ितों को फ्रैंकफर्ट के केंद्रीय कब्रिस्तान में दफनाया गया था. हादसे के बरसों बाद उन्ही 528 पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए 24 मार्च, 2014 को एक कला प्रोजेक्ट रखा गया था. इस प्रोजेक्ट के तहत कई सारे लोग सड़क और फुटपाथ के एक बड़े से हिस्से में थोड़ी देर के लिए लेट गए।