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लॉकडाउन के बीच लड़की को जंगल में उठा ले गए दरिंदे, बारी-बारी किया रेप, इस हालत में पहुंची घर

Close up man's hand holding a woman hand for rape and sexual abuse concept.; Shutterstock ID 585951164

रांची। झारखंड के दुमका से एक शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां लॉक डाउन के बाद घर लौट रही छात्रा के साथ 10 युवकों ने गैंगरेप किया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी उसे जंगल से छोड़कर फरार हो गए। छात्रा किसी तरह अचेत अवस्था में रेंगते हुए घर पहुंची और परिजनों को आपबीती सुनाई, जिसके बाद पीड़िता के परिजनों ने पुलिस में शिकायत की।

किशोरी गोपीकांदर प्रखंड क्षेत्र की रहने वाली है। दुमका शहर के शिवपहाड़ में  किराए के मकान में रहकर एसपी कॉलेज से इंटर कर रही है। लॉकडाउन के कारण कॉलेज बंद हो गया था। वाहन भी नहीं चल रहे थे। वह 24 मार्च को अपनी एक सहेली के साथ स्कूटी से निकली। सहेली गोपीकांदर के कारूडीह मोड़ के पास छोड़कर अपने घर पाकुड़ जिला की ओर चली गई।

पुलिस को दिए बयान में किशोरी ने बताया कि कारूडीह पहुंचने से पहले उसने अपने परिजनों को फोन किया था। शाम होने के बाद भी परिजन नहीं पहुंचे तो अपने एक दोस्त विक्की उर्फ प्रसन्नजीत हांसदा को फोन किया। युवक गोपीकांदर प्रखंड के दड़ंगखरौनी का रहने वाला है। वह बाइक लेकर तुरंत कारूडीह मोड़ पहुंच गया। युवक एक दोस्त को भी लेकर पहुंचा था। तीनों एक बाइक से निकले। इस बीच विक्की ने घर जाने के रास्ते की बजाय दूसरे कच्चे रास्ते पर बाइक ले गया।

किशोरी ने जब विक्की से कहा कि यह घर जाने का रास्ता नहीं है तो उसने कहा कि रास्ते पर चेकिंग चल रही है, इसलिए कच्चे रास्ते से होकर घर जा रहे हैं। कुछ दूरी पर जाकर विक्की ने सुनसान जंगल के पास बाइक को रोक दिया और कहा कि उसे शौच लगी है। किशोरी उसके अज्ञात दोस्त के साथ काफी देर तक सुनसान जंगल में खड़ी रही। इसी बीच विक्की पहुंचा और अपने दोस्त के साथ मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म करने के बाद आठ युवक नकाब पहने पहुंचे और जान से मार देने की धमकी देते हुए गले पर चाकू लगा दिया। इसके बाद सभी युवकों ने बारी-बारी से गैंगरेप किया।

वाईएस रमेश, एसपी, दुमका का कहना है कि  छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना हुई है। आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। रामगढ़ सामूहिक दुष्कर्म कांड की तर्ज पर इस मामले की भी जांच का निर्देश दिया गया है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH