कानपुर। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से शुरू हुआ भेड़िये का आतंक अब कानपुर तक पहुंच गया है। भेड़िये के हमले में दस साल के बच्चे सहित तीन लोगों के घायल होने की सूचना है। भेड़िए के हमले से घायल होने की खबर जंगल में आग की तरह फैली और मौके पर घायलों को अस्पताल पहुंचाकर उपचार कराया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने जंगल में भेड़ियों के होने की बात स्वीकारी है। गुरुवार रात प्रदेश के कानपुर नरवल थाना क्षेत्र के सेमरुआ और बेहटा सकत सहित अन्य गांवों में भेड़िया का आतंक दिखाई दिया है। भेड़ियों के हमले में तीन गांव वाले घायल हुए है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार नरवल क्षेत्र के मंगलवार देर शाम सेमरुआ गांव निवासी जगरूप के दस वर्षीय बेटे शानू व खेतों में काम कर रहे अमर सिंह के बेटे राम बहादुर पर भेड़िए ने हमला कर दिया। इसके अलावा बेहटा सकत निवासी रामकिशोर (50) वर्षीय पर भेड़िये ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया। भेड़िये के हमले की जानकारी मिलने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। जंगली जानवर के हमले की दहशत से रोशनपुर, खवाजगीपुर, मंधना, बांबी, गढ़ी गांवों के किसान खेतों पर नहीं जा रहे हैं। घायलों का उपचार कराया गया है। वहीं बुधवार को वन विभाग की टीम गांवों में पहुंच कर घायलों से मुलाकात कर भेड़ियों की तलाश में जुट गई।
इस संबंध में वन विभाग के डिप्टी रेंजर अनिल तोमर ने बताया कि हमारी एक टीम गांव में भेजी गई थी. सुबह से फिर भेड़िए की तलाश की जाएगी. हमारी टीम ने घायलों से मिलकर उनके ज़ख्म और उनकी बताई बात से भेड़िए के होने की बात बताई है. अब भेड़िए के लिए सुबह से रेस्क्यू किया जाएगा.