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अब एलईडी लाइट्स नजर को करेगी तेज

62-off-led-light-bulbs-1-718782-regularलंदन | वैज्ञानिकों ने एलईडी लाइट्स का एक नया रूप बनाने में कामयाबी हासिल की है जिसमें ल्यूमिनेसेंट प्रोटीन को रबर में परिवर्तित कर उपयोग किया जाता है। इससे न सिर्फ लागत घटती है। बल्कि यह मूड को भी ठीक करता है और आंखों को भी आराम पहुंचाता है। नए बायो-एलईडी लाइट्स में नीले, हरे और लाल रबर की परतों का प्रयोग किया गया है जो देखने में बिल्कुल सामान्य एलईडी लाइट की तरह नजर आती है, लेकिन इसकी लागत काफी कम है।

अर्लानजेन-नर्नबर्ग (जर्मनी) विश्वविद्यालय के शोधार्थी व अध्ययन के सहलेखक रूबेन डिओस्ता बताते हैं, “हमने एक नई तकनीक की खोज की है, जिसकी मदद से एक हाईब्रिड डिवाइस का निर्माण किया है। इसे बायो-एलईडी नाम दिया गया है। यह सामान्य एलईडी के नीले प्रकाश को ल्यूमिनेसेंट प्रोटीन की मदद से शुद्ध उजले प्रकाश में बदल देती है।”

जर्मन और स्पेन के वैज्ञानिकों के शोधदल ने इस नई खोज के लिए प्रकृति के बॉयोमोलेक्यूल से प्रेरणा हासिल की। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस तकनीक से बनाई जानेवाली नीले या अल्ट्रावायलेट रंग के एलईडी ज्यादा सस्ते पड़ेंगे जबकि सफेद रंग वाले एलईडी की लागत ज्यादा आएगी, क्योंकि इसमें एक अतिरिक्त जटिल प्रणाली और नए तत्व की जरूरत होगी।

कोस्ता बताते हैं, “ये बायोएलईडी उत्पादन में आसान होंगे, इनकी लागत कम होगी और ये पर्यावरण के लिए सुरक्षित होंगे। इसे बड़ी आसानी से रिसाइकिल या रिप्लेस किया जा सकेगा।” इसके अलावा वैज्ञानिक एक नए लचीले तत्व पर काम कर रहे हैं जिसमें अधिकाधिक थर्मल स्थिरता होगी और वे ज्यादा दिन भी चलेंगे। यह शोध जर्नल एडवांस मैटेरियल में प्रकाशित किया गया है।

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