सुरक्षा मानको को दरकिनार कर बना दिया प्रस्ताव
मुख्यालय व शासन में बैठे अफसरों की लापरवाही हुई उजागर
राकेश यादव
लखनऊ। 12 मंजिल की विशालकाय इमारत के बगल मे हो रहा जेल का निर्माण। यह पढ़कर आपको भले ही आश्चर्यजनक लग रहा हो लेकिन शासन एवं कारागार मुख्यालय के अफसरों ने इसे सच कर दिखाया है। इलाहाबाद के नैनी मे इन दिनों नई जिला जेल का निर्माण कार्य धड्ल्ले से चल रहा है। सुरक्षा मानको को दर किनार कर हो रहा यह निर्माण विभागीय अफसरों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। जेल नियमानुसार नई जेल के निर्माण के 100 मीटर की परिधि मे अन्य कोई भी निर्माण नही होना चाहिये। इस निर्माणाधीन जेल के निर्माण ने कारागार विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है।
प्रदेश मे बंदियों के अनुपात मे जेलो की संख्या काफी कम है। इसकी वजह से प्रदेश की करीब करीब सभी जेलो मे निर्धारित क्षमता से दोगुना से अधिक कैदी बन्द है। जेलों में ओवरक्राउडिंग की समस्या से निजात दिलाने के लिये शासन ने कई जनपदो मे नई जेलों का निर्माण कराए जाने का निर्णय लिया। इसके तहत कानपुर जनपद में कानपुर देहात नई जेल बनाई गई। इसी प्रकार गाजियाबाद जेल की ओवर क्राउडिंग की समस्या को दूर करने के लिये नोयडा मे नई जेल का निर्माण कराया गया। इसके अलावा मेरठ जेल मे बंदियों की संख्या कम करने के लिये बागपत मे नई जेल बनवाई गई यह बात अलग है कि यह जेल अभी चालू नही पाई है। इसी कड़ी मे इलाहाबाद जनपद मे विचाराधीन बंदियों को रखने के लिये जिला जेल का निर्माण कराया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि इलाहाबाद जनपद मे नई जिला जेल के निर्माण के लिये वर्ष 2005 मे केन्द्रीय कारागार वाराणसी से जिला जेल बनाने के लिये भूमि के चयनित कर जेल बनाए जाने का प्रस्ताव मांगा गया। बताया गया है कि तत्कालीन जेल अधिकारियों ने केन्द्रीय कारागार की खाली पड़ी हुई कृषि भूमि पर नई जिला जेल बनाये जाने का प्रस्ताव तैयार कर कारागार मुख्यालय को भेज दिया। सूत्र बताते है कि मुख्यालय मे बैठे अधिकारियों ने चयनित भूमि का निरीक्षण किये बगैर ही प्रस्ताव को शासन की मंजूरी के लिये भेज दिया। मुख्यालय की ओर से शासन को भेजे गये प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। मंजूरी मिलने एवं धनराशि स्वीकृत होने के बाद जेल का निर्माण शुरू हो गया। जेल निर्माण के लिए चयनित की गई भूमि के बगल में एक बहुमंजिला इमारत खड़ी हुई है। जेल चहारदिवारी के निकट बनी इस इमारत की वजह से जेल की सुरक्षा प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। विभागीय अधिकारियों मे इस निर्माणाधीन जेल के निर्माण को लेकर तमाम तरह की अटकले लगायी जा रही है। अटकले लगाई जा रही है कि नई जेल का निर्माण नियमों को ताक पर रख कर किया जा रहा है। उधर महानिरीक्षक कारागार समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।