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अब आर्टिफिशियल मांसपेशियों का निर्माण भी हो गया संभव

hqdefaultवाशिंगटन | विज्ञानं और तकनीक इन दोनों काफी आगे बढ़ गई है। कुछ ही समय पहले की बात थी जब डॉक्टर्स के पास मरीजों के इलाज़ के लिए औज़ार और तकनीक की कमी होती थी। पर अब ऐसा नहीं है, वैज्ञानिकों ने एक नए हाइब्रिड पॉलिमर की खोज की है, जो मानवों में कृत्रिम यानी आर्टिफिशियल मांसपेशियों के निर्माण में मददगार साबित हो सकता है। जल्द ही इस हाइब्रिड पॉलिमर से तैयार इन आर्टिफिशियल मांसपेशियों के जरिए शरीर को जीवन रक्षक औषधियां, जैव-अणु एवं अन्य रसायन प्रदान किया जा सकेगा।

अमेरिका के नार्थवेस्टर्न युनिवर्सिटी के शोधार्थियों द्वारा विकसित यह नया हाइब्रिड पॉलिमर दो भिन्न तरह के पॉलिमरों (मजबूत बांड वाले और कमजोर बांड वाले पॉलिमर) को बेहद कुशलता से संयुक्त कर तैयार किया गया है।

अध्ययन के वरिष्ठ लेखक वैज्ञानिक सैमुअल आई स्टप के अनुसार, “हमने बेहद सूक्ष्म आकार के कम्पार्टमेंट की मदद से एक बिल्कुल नए और चौंकाने वाले हाइब्रिड पॉलिमर का निर्माण किया है। इस पॉलिमर को नष्ट भी किया जा सकता है और रासायनिक प्रक्रिया के जरिए बार-बार पुनर्निर्मित भी किया जा सकता है।”

शोधार्थियों ने कहा है, “पॉलिमर को बिल्कुल नए तरीके से निर्मित करने की दिशा में यह अहम उपलब्धि है। साथ ही पॉलिमर के रासायनिक बांड और उनके अणुओं की संरचना को नियंत्रित भी किया जा सकता है।”

शोधार्थियों ने बताया कि इस हाइब्रिड पॉलिमर की मदद से बिल्कुल अलहदा गुणों वाले पदार्थो को निर्मित किया जा सकता है, जैसे उन पदार्थो को बार-बार नष्ट कर बार-बार निर्मित करना, जो इस हाइब्रिड पॉलिमर की उपयोगिता को व्यापकता प्रदान करेगी। यह शोध पत्रिका ‘साइंस’ के आगामी अंक प्रकाशित किया जाएगा।

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