नई दिल्ली | आम आदमी पार्टी (आप) सरकार नें दिल्ली उच्च न्यायालय में नर्सरी स्कूलों में दाखिले के लिए प्रबंधन का कोटा सहित 62 मानदंडों को हटाए जाने के फैसले के खिलाफ याचिका पर अपना फैसला मंगलवार को सुरक्षित कर लिया। दिल्ली सरकार ने छह जनवरी को एक सर्कुलर जारी कर नर्सरी में दाखिले क लिए प्रबंधन कोटा की व्यवस्था को खत्म कर दिया था। इससे बच्चों के अभिभावक खुश हुए। लेकिन उनकी खुशी बर्दाश्त न करने वाले कुछ लोगों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर दी।
न्यायाधीश मनमोहन ने मामले में दिल्ली सरकार और याचिकाकर्ताओं, वित्तीय मदद से वंचित मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की कार्रवाई समिति और फोरम ऑफ प्रमोशन ऑफ क्वालिटी एजुकेशन, द्वारा द्वारा अपना-अपना पक्ष रखने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया। सुनवाई के दौरान गैर सहायता प्राप्त स्कूलों ने अदालत को बताया कि 62 मानदंडों में से प्रबंधन कोटा सहित 12 मानदंडों को खत्म नहीं करना चाहते।
सोमवार को अदालत ने स्कूलों से ऐसे अधिकतम 12 मानदंडों की सूची बनाने के लिए कहा था, जिन्हें वे खत्म नहीं करना चाहते। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से कहा कि सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह सर्कुलर जारी किया और इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह निजी स्कूलों की स्वायत्तता को खत्म करने वाला है।
दिल्ली सरकार का हालांकि कहना है कि गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों के पास ‘पूर्ण स्वायत्तता’ नहीं होती। छह जनवरी को जारी अपने आदेश में दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह नर्सरी स्कूलों में दाखिले के लिए किसी भी मानदंड की तरफदार नहीं है, लेकिन निजी स्कूल निष्पक्ष, समयानुकूल एवं तार्किक मानदंडों को रख सकते हैं।