नई दिल्ली | सरकार ने कहा कि वह संसद के आगामी बजट सत्र में पंचायतों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के बारे में संशोधन लाएगी। ‘पंचायती राज (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम के कार्यान्वयन: विषय और दिशा’ संबंधी एक राष्ट्रीय कार्यशाला में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री बिरेंदर सिंह ने कहा कि यद्यपि कुछ राज्य पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर रहे हैं, लेकिन संविधान में संशोधन के बाद इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी राजनैतिक दल इस संशोधन का समर्थन करेंगे। मंत्री ने यह भी बताया कि इससे कानून में बदलाव भी होगा, जिसके तहत मौजूदा एकल कार्यकाल के बदले 5 सालों के दो कार्यकालों के संबंध में महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित किए जाएंगे ताकि वे विकास गतिविधियों की निरंतरता बनाए रख सकें।
बिरेंदर सिंह ने कहा कि 1995 में प्रदत्त भूरिया समिति के रिपोर्ट के आधार पर पंचायती राज (अनुसूचित क्षेत्रों का विसतार) अधिनियम 1996 में लागू किया गया था। मंत्री ने जोर दिया कि जनजातियों के विकास के लिए सभी राज्य अधिनियम को लागू करें क्योंकि जनजातियां विकास के लिए अब और इंतजार नहीं कर सकतीं। जनजातियां 65 वर्षो से विकास की प्रतीक्षा कर रही हैं।
इस अवसर पर पंचायती राज राज्य मंत्री निहाल चंद ने कहा कि अधिनियम से उग्रवाद को रोकने और जनजातीय आबादी की शिकायतों को दूर करने में बहुत सहायता होगी। उन्होंने 20 वर्षो के बाद उक्त अधिनियम पर कार्यशाला का आयोजन करने के लिए राजग सरकार को धन्यवाद दिया।
निहाल चंद ने कहा कि पांचवें अनुसूचित क्षेत्रों के लिए 14वें वित्त आयोग के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध है, जिससे बुनियादी सेवाओं को प्रदान करने में सहायता होगी। इस कार्यशाला में 10 राज्यों के पंचायती राज्य एवं जनजातीय विकास मंत्री हिस्सा ले रहे हैं।
दो दिवसीय कार्यशाला में अधिनियम संबंधी नियमों, राज्य पंचायती राज अधिनियमों के प्रावधानों के अनुपालन, संबंधित कानूनों, ग्राम सभा अधिकारिता, क्षमता निर्माण रणनीतियों, ग्राम पंचायतों की संरचनाओं आदि पर चर्चा की जाएगी।