नई दिल्ली | निवेशकों को बेहतर रिटर्न की संभाव्यता बढ़ाने के लिए देश की अवसंरचना परियोजनाओं की संरचना और इससे संबंधित नियमों की समीक्षा की जा रही है। यह बात शुक्रवार को केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कही। उन्होंने यहां भारत निवेश सम्मेलन के मौके पर कहा, “मुद्दे और चुनौतियों को समझने के लिए हम कठिन मेहनत कर रहे हैं। जहां तक कानून, नियमन और परियोजना संरचना की बात है, हम ऐसे सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कि हम आपको कम-से-कम जोखिम पर बेहतर रिटर्न दे सकें।”
मंत्री ने निवेशकों से कहा कि वे ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के साथ ब्राउनफील्ड परियोजनाओं पर भी ध्यान दें। हाल ही में गठित 40 हजार करोड़ रुपये के राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचन कोष (एनआईआईएफ) का उपयोग तनाव में पड़ी संपत्तियों के वित्तपोषण में भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपोलो, ब्लैकस्टोन और एडलवीश जैसे कई फंड ब्राउनफील्ड अवरुद्ध परियोजनाओं में रुचि ले रहे हैं। इस मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एचआर खान ने कहा, “जरूरत के मुताबिक हम नियामकीय बदलाव के लिए तैयार हैं। हम आपकी मांग के प्रति संवेदनशील हैं।”