नासिक | आज के आधुनिक जमाने में जहां सूफी संगीत की परिभाषा बदल गई है, क्योंकि अब कई बैंड भक्ति शैली में अलग-अलग तत्वों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में कैलाश खेर का बैंड कैलाशा अभी भी ऐसे रास्ते पर चल रहा है जहां फ्यूजन और भक्ति ईमानदारी से एकाकार हो जाता हो। इस गायक का कहना है कि उनके संगीत का लक्ष्य सिर्फ मनोरंजन करना ही नहीं बल्कि आमजन का ज्ञानवर्धन करना भी है। सुलाफेस्ट के दौरान कार्यक्रम से इतर कैलाश खेर ने मीडिया को बताया, “कैलाशा का संगीत मनोरंजन के साथ ही हमारे दिमाग को भी खोलता है। यह साथ-साथ एक सोच का भी सृजन करता है, जिससे श्रोताओं को आनंद की अनुभूति होती है। मुझे लगता है कि अलग-अलग मूड और अलग-अलग तरह के लोगों के लिए कैलाशा में बहुत सारे गाने हैं।”
42 वर्षीय गायक ने कहा कि श्रोता और गायक के बीच का रिश्ता बेहद अतरंग होता है, तभी वे शांतिपूर्वक कार्यक्रम का आनंद लेते हैं। इसलिए कई बार ज्ञान की बजाए मनोरंजन के पहलू पर भी ध्यान देना चाहिए। वे कहते हैं कि कई बार प्रेमी जोड़े कार्यक्रम में होते हैं तो अगर हम उन्हें आध्यात्मिक संदेश सुनाने लगेंगे तो वे मुझे गायक के बजाए साधु समझने लगेंगे। इसलिए एक संतुलन बनाकर रखना होता है। कैलाशा ने यहां चल रहे 9वें सुलाफेस्ट में रविवार को प्रदर्शन किया। उनकी नई एलबम ‘इश्क अनोखा’ जल्द ही रिलीज होने वाली है। कैलाश बताते हैं कि इस एलबम का संदेश भी आध्यात्मिक है। हालांकि उन्होंने इसके बारे में अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया।