नई दिल्ली | सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन के कारण बर्फ में जिंदा दफन हुए नौ भारतीय जवानों के शव सोमवार को विमान के जरिए लद्दाख से दिल्ली लाए गए। भारतीय सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह की अगुवाई में एक औपचारिक समारोह में दिल्ली के पालम हवाईअड्डे पर शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित किए गए। शहीदों के शव पुणे, बेंगलुरू, हैदराबाद, मदुरै, चेन्नई और तिरुवनंतपुरम में उनके परिवारों को सौंपने के लिए भारतीय वायुसेना के विमानों की सेवा ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना के सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात 10 जवान हिमस्खलन के कारण लगभग 30 फुट बर्फ के नीचे दफन हो गए थे। उनमें से एक लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ को लगभग छह दिनों बाद जिंदा निकाला गया था। नई दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान गुरुवार को उनका निधन हो गया था। नौ अन्य जवानों के शव दुर्घटना के एक सप्ताह बाद मिले। क्षेत्र में खराब मौसम के कारण अब तक उनके शव लद्दाख से लाए नहीं जा सके थे।
शनिवार को थोड़े समय के लिए मौसम ठीक होने के दौरान उनके शव आधार शिविर से लाए गए, लेकिन रविवार को ही उन्हें लेह पहुंचाना संभव हो पाया।सोमवार को भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से जवानों के पार्थिव शरीर उनके गृह नगर पहुंचाए जाएंगे।
नौ शहीदों के नाम हैं –
1. सूबेदार नागेश टीटी, गांव तेजूर, जिला हासन, कर्नाटक।
2. हवलदार इलम अलई एम., गांव दुक्कम पाराई, जिला वेल्लोर, तमिलनाडु।
3. लांस हवलदार एस. कुमार, गांव कुमानन थोजू, जिला तेनी, तमिलनाडु।
4. लांस नायक सुधीश बी., गांव मोनरोएथुरुत, जिला कोल्लम, केरल।
5. सेपॉय महेश पी.एन., गांव एचडी कोटे, जिला मैसूर, कर्नाटक।
6. सेपॉय गणेशन जी., गांव चोक्काथेवन पट्टी, जिला मदुरै, तमिलनाडु।
7. सेपॉय राम मूर्ति एन., गांव गुडिसा ताना पल्ली, जिला कृष्णागिरि, तमिलनाडु।
8. सेपॉय मुश्ताक अहमद एस., गांव पारनापल्ली, जिला कुर्नूल, आंध्र प्रदेश
9. सेपॉय (नसिर्ंग असिस्टेंट) सूर्यवंशी एस.वी., ग्राम मस्कारवाडी, जिला सतारा, महाराष्ट्र।
लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ का शुक्रवार को कर्नाटक स्थित उनके गृह नगर में अंतिम संस्कार कर दिया गया था।