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डिग्रीधारी को ही मिलेगा खाद, कीटनाशक का लाइसेंस

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रायपुर | कीटनाशक व उर्वरक की बिक्री करने वाले दुकानदारों के लिए केंद्र सरकार ने नए नियम बना दिए हैं। जिसके अनुसार सिर्फ उन्ही को दुकान के लिए लाइसेंस प्राप्त होगा जिनके पास कृषि या विज्ञान विषय के डिग्री व डिप्लोमा होगा। डिग्री के आधार पर ही उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा। इससे बीएससी उत्तीर्ण बेरोजगारों को दुकानों में रोजगार मिल सकेगा, तो वहीं किसानों को भी अच्छी दवाइयां मिल सकेंगी। छत्तीसगढ़ कृषि विभाग के उपसंचालक एल.एम. भगत ने बताया कि केंद्र सरकार के बनाए नए नियम के अनुसार, रासायनिक उवर्रक व कीटनाशक बिक्री के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा। पुराने दुकानदारों को इसकी सूचना दे दी गई है। उन्हें नियमानुसार दो साल में डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करना होगा या योग्यताधारी कर्मचारी रखना होगा।

राज्य में खाद-बीज, कीटनाशक वाले अधिकांश दुकानदारों के पास लाइसेंस तो है, लेकिन न तो उनके पास कृषि संबंधी पर्याप्त जानकारी है और न ही उन्हें नए-नए कृषि संबंधी उवर्रक खादों की जानकारी है। ऐसे में प्रदेश के अधिकांश दुकान संचालकों द्वारा जानकारी के अभाव में किसानों को गलत दवा या सलाह दे देते हैं। वहीं किसानों को नए-नए रसायनिक खाद बीज, कीटनाशक की उपयोगिता, फायदे सहित सही मात्रा में छिड़काव की सही जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसे में किसानों की फसल प्रभावित होती है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा नया नियम बनाया गया है। नए नियम के तहत कृषि या विज्ञान विषय की डिग्री या डिप्लोमाधारी ही खाद व कीटनाशक की दुकान खोल सकेंगे। विभाग द्वारा डिग्री के आधार पर उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा। इसे केंद्र के राजपत्र में भी प्रकाशित किया गया है।

भगत ने बताया कि पूर्व के लाइसेंसी व्यापारी उर्वरक और कीटनाशक (संशोधन) नियम-2015 के अनुसार, कृषि स्नातक, जैव, रसायन, प्राणी, प्रौद्योगिकी, जीवन विज्ञान या वनस्पति विज्ञान डिग्री या डिप्लोमाधारी कर्मचारी रखने या स्वयं के इन विषयों में स्नातक या डिप्लोमा होने पर ही कीटनाशक व रसायनिक खाद बिक्री के लिए लाइसेंस मिलेगा। वहीं पुराने दुकान संचालाकों के लिए डिप्लोमा या डिग्री लेने के लिए दो साल का समय भी निर्धारित किया गया है। संशोधित नियम के तहत किसानों को दुकान संचालकों से ही फसल की विभिन्न किश्मों सहित नए-नए खाद, बीज सहित उपज में खाद बीज की सही मात्रा की जानकारी मिल सकेगी।

उन्होंने कहा कि इससे किसानों की उपज पैदावार तो बढ़ेगी, वहीं पढ़े लिखे बेरोजगारों को स्वरोजगार व दूसरे के दुकानों में रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। नए अनिधियम के तहत नए दुकान संचालकों से किसानों को जानकारी मिल सकेगी कि किस फसल के लिए कौन सी दवा कारगर होगी, दवा की क्या मात्रा होनी चाहिए, प्रति हेक्टेयर कितने उर्वरक का उपयोग होना चाहिए। सही दवा, कीटनाशक, बीज व उर्वरक के उपयोग करने सहित विभिन्न तरीके भी बताए जाएंगे।भगत ने कहा कि नए नियम के क्रियान्वयन के लिए विभाग द्वारा सभी कीटनाशक दुकान व उवर्रक केंद्र संचालकों को नए नियम के अनुसार लाइसेंस बनवाने के लिए नोटिस भी दिया जा रहा है। कई तहसीलों के दुकानों में नोटिस वितरण किया जा चुका है।

केंद्र सरकार के नए नियम के तहत पुराने दुकान संचालाकों को कृषि या विज्ञान विषय में डिग्री या डिप्लोमा अनिवार्य किया गया है। अधिनियम के तहत पुराने दुकान संचालकों को दो साल के अंदर कृषि या विज्ञान विषय में स्नातक या डिप्लोमा प्राप्त करना होगा या दुकान में डिग्री या डिप्लोमाधारी कर्मचारी रखना होगा। नया अधिनियम लागू होने से बीएससी उत्तीर्ण बेरोजगारों को खाद व कीटनाशक दवाओं की दुकानों में रोजगार मिल सकेगा, तो वहीं किसानों को भी अच्छी दवाइयां मिल सकेंगी।

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