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कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने पकड़ी रफ्तार, 14.2 फीसदी बढ़े संक्रमण के मामले

लखनऊः कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने फिर से लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है और उनमें डर भर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी किए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 7,974 मामले सामने आए हैं, जो कल की तुलना में 14.2 फीसदी अधिक हैं। वहीं इसी बीच 343 लोगों की मौत भी हुई है जो कि कल की तुलना में 96 अधिक है। हालांकि इस दौरान 7,948 लोग स्वस्थ भी हुए है। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने फिर से सरकार की नाक में दम करने का काम शुरू कर दिया है। देश में अब तक 135 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका हैं।

देश में केरल में सबसे अधिक मामले

केरल में बीते 24 घंटे में कोरोना के 4006 मामले सामने आए हैं और 125 लोगों की मौत हो गई। केरल में दो दिनों के भीतर मामलों में 2000 से अधिक की वृद्धि देखी जा रही है। बता दें कि कल केरल में ओमिक्रॉन के भी पांच मामले सामने आए थे।

नए वैरिएंट के कारण टीकाकरण में असमानता की स्थिति का खतरा

कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनिया के लिए नई समस्या बनकर तैयार हो रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन मैत्री संस्था गावी ने कहा है कि ओमिक्रॉन स्वरूप असमानता की स्थिति पैदा कर सकता है। वायरस के नए स्वरूप से  दुनिया के संपन्न देश फिर से टीकों का भंडारण कर रहे हैं और दान प्रक्रिया को रोक रहे हैं जिससे विकासशील देशों में स्थिति विकट हो सकती है।

गावी के चीफ एक्जक्यूटिव डॉ. सेठ बर्कले ने कहा ओमिक्रॉन स्वरूप की दस्तक के बाद गावी को संपन्न देशों से होने वाले टीकों की आपूर्ति की व्यवस्था लड़खड़ा गई। ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद कुछ देश दहशत में हैं।  ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर देशों में टीकाकरण की व्यवस्था का बेपटरी होना तय है।

टीका दान करने से कतरा रहे देश…
डॉ. बर्कले ने कहा कि हम देख रहे हैं कि दानकर्ता अब टीका तेजी से दान देने में कतरा रहे हैं। संभव है कि वे अनिश्चितता के दौर के देखकर टीके की आपूर्ति करने से कतरा रहे हैं। सबसे बड़ी मुश्किल तब होगी जब वायरस के इस स्वरूप से बचने के लिए नए टीके की जरूरत होगी।

 

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