लखनऊ। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2024 का ग्रैंड फिनाले इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में प्रारंभ हुआ । देशभर के 51 नोडल सेंटर्स में से इंटीग्रल यूनिवर्सिटी को उत्तर प्रदेश के प्रमुख नोडल सेंटर के रूप में चुना गया है। यह आयोजन छात्रों को नवाचार और तकनीकी समाधान प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करेगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के केंद्रीय ऑडिटोरियम में गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री विनीत कंसल जी, निदेशक आई ई टी लखनऊ ने कहा कि यह प्रतिभागियों के लिए एक अनोखा अवसर है, जहां वे देशभर के समस्या-समाधानकर्ताओं से मिल सकते हैं। तकनीक और प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से बदलाव लाए हैं, वह अद्भुत है, और बदलाव ही एकमात्र स्थायी चीज़ है। आपको केवल अपने विशेष शाखा तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ सहयोग करना चाहिए। यह कार्यक्रम छात्रों के बीच बहु-विषयक सहयोग को प्रोत्साहित करता है, जो समाज के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलता है।
तत्पश्चात विशिष्ट अतिथि श्री बी एन तिवारी सहायक निदेशक राष्ट्रीय शिक्षा गठबंधन प्रौद्योगिकी ने इस कार्यक्रम की अवधारणा को एक दूरदर्शी नेता का विचार बताते हुए कहा, “इस कार्यक्रम का उद्देश्य आत्मनिर्भरता की भावना विकसित करना है। हमें ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए, जहां नवाचार और विचार हमारे दैनिक जीवन को सुधारने में मदद करें। हमें अपनी समस्याओं को हल करने के लिए किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। नोडल केंद्र प्रमुख और डेलॉइट में वित्तीय सेवाओं के निदेशक श्री गुरु प्रसाद दातर ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, “हैकर्स केवल वेबसाइट्स या सॉफ्टवेयर को हैक करने वाले लोग नहीं होते, बल्कि वे ऐसे नवोन्मेषी दिमाग हैं, जो जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाते हैं और हमारी समस्याओं का समाधान करने के लिए दूसरों पर निर्भरता को खत्म करते हैं।
नोडल केंद्र प्रमुख और नवाचार प्रबंधक, एआईसीटीई – शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार श्री मदन मोहन शरण सिंह ने हैकथॉन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि प्रगतिशील भारत का एक आंदोलन है, जहां युवा दिमाग अपनी रचनात्मक सोच के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालते हैं। यह नवाचार के माध्यम से हमारे देश को वैश्विक इनोवेशन हब बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इंटीग्रल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मोहम्मद हारिस सिद्दीकी ने कहा कि इस प्रतिष्ठित आयोजन का हिस्सा बनकर विश्वविद्यालय गर्व महसूस कर रहा है। यह हैकाथॉन न केवल तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करता है, बल्कि “आत्मनिर्भर भारत” की परिकल्पना को भी मजबूत करता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस हैकथॉन का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों में ‘आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग’ यानी पारंपरिक सोच से हटकर नये और रचनात्मक तरीके से समस्याओं का समाधान करने की क्षमता विकसित करना है।
डॉ. निदा फातिमा, कार्यकारी निदेशक, इंटीग्रल स्टार्टअप फाउंडेशन और सेंटर फॉर इन्क्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट ने स्वागत भाषण में माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी,भारत सरकार एवं शिक्षा मंत्रालय को धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित कर राष्ट्र निर्माण में उत्प्रेरक का कार्य करती हैं और ऐसी कार्यप्रणाली ही एक दिन भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करने में कारगर साबित होगी|
इसके बाद गणमान्य अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
उद्घाटन सत्र की खास बात यह रही कि देश केप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 7वें स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2024 (SIH) के प्रतिभागियों से वर्चुअली संवाद किया, जहां उन्होंने “सबका प्रयास” से शुरुआत की।
प्रधानमंत्री जी ने कहा, “आज का भारत सबके प्रयास से ही आगे बढ़ सकता है और हैकथॉन का फिनाले इसका उदाहरण है। आप सबके बीच आकर मुझे भी सीखने का मौका मिलता है, क्योंकि आप सबका 21वीं सदी के भारत को देखने का नजरिया अलग है, और इसी कारण आप सबके समाधान भी अलग होते हैं।“ इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई दी और कहा कि यह आयोजन हमारे देश में नवाचार की नई दिशा को उजागर करता है। उन्होंने कहा, “आप सभी ने जो प्रयास किए हैं, वे न केवल आपकी सोच को दर्शाते हैं, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की प्रगति और आत्मनिर्भरता के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट करते हैं। आप सबके समाधान भविष्य के भारत को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।“
प्रधानमंत्री जी ने युवाओं से अपील करते हुए कहा, “आपका यह संघर्ष और समर्पण भारत को तकनीकी रूप से प्रगति के नए शिखर तक पहुँचाएगा। आप सभी उस परिवर्तन के प्रेरक बनेंगे, जिसकी हमारे देश को आवश्यकता है।“ उद्घाटन सत्र के समापन के बाद सभी नोडल सेंटर्स केंद्रीय उद्घाटन से वर्चुअल रूप से जुड़े जिसमें भारत के शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 7वें संस्करण के हैकथॉन का उद्घाटन करते हुए कहा, 64 तकनीकी क्षेत्रों में से 35 में भारत दुनिया के शीर्ष 5 स्थानों पर है। यह हैकथॉन सिर्फ 36 घंटे लंबा एक कार्यक्रम या आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है, जिसे हमें अपने देश के भविष्य में समाहित करना होगा। उन्होंने प्रतिभागियों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा, “आपकी यह मेहनत हमारे देश को ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएगी जिससे भारत दुनिया का विकास इंजन बनेगा और भारतीय दृष्टिकोण पूरी दुनिया पर छाएगा। कार्यक्रम में शिक्षा राज्यमंत्री श्री सुकांता मजूमदार, शिक्षा सचिव श्री संजय कुमार, एआईसीटीई के अध्यक्ष श्री टी.जी. सीताराम, एआईसीटीई के उपाध्यक्ष श्री अभय जेरे एआईसीटीई के पूर्व अध्यक्ष श्री अनिल सहस्त्रबुद्धे, और गोडरेज एप्लायंसेज के प्रमुख इनोवेशन अधिकारी श्री संत रंजन भी उपस्थित थे।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम में देश भर के 120 प्रतिभागी विभिन्न मंत्रालयों और संगठनों द्वारा दी गई समस्याओं पर अपने नवाचार आधारित समाधान प्रस्तुत करेंगे। कोडिंग कार्य सुबह 11 बजे से शुरू होकर पूरी रात चलेगा। दिन के दौरान टीमों को विशेषज्ञों से मार्गदर्शन मिलेगा। दोपहर बाद पहला मूल्यांकन सत्र होगा, जिसमें टीमों को अपनी प्रस्तुति देने और जजों के सवालों का जवाब देने का मौका मिलेगा।
रात्रि के दौरान गीत-संगीत, कराओके एवं जुंबा आदि का भी आयोजन किया जाएगा , जिससे प्रतिभागियों का उत्साह बनाए रखा जा सके। इसके बाद कोडिंग रातभर एवं अगले दिन शाम पाँच बजे तक जारी रहेगी।