नई दिल्ली। भारत की अध्यक्षता में राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान सतही भारत मंडपम में जी20 शिखर सम्मेलन प्रारंभ हो चुका है विश्व के लगभग सभी बड़े नेता इसमें भाग लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे।
जी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आप सबकी सहमति से आगे की कार्रवाई शुरू करने से पहले अफ्रीकन यूनियन अध्यक्ष को G20 के स्थायी सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं। इसके बाद कोमोरोस संघ के अध्यक्ष और अफ्रीकी संघ (एयू) के अध्यक्ष अजाली असौमानी ने अपना स्थान ग्रहण किया।
विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने इसको और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो हम आपसी विश्वास में आए इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं।
यह हम सबका साथ चलने का समय है इसलिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र हम सबके लिए पथ प्रदर्शक बन सकता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल हो, उत्तर और दक्षिण में डिवाइड हो, पूर्व और पश्चिम की दूरी हो, भोजन, ईंधन और उर्वरक का प्रबंधन हो, आतंकवाद साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा या जल सुरक्षा, हमें भावी पीढ़ियों के लिए इसका ठोस समाधान ढूंढना होगा।
पुरानी चुनौतियां मांग रही हैं नए समाधान
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का यह समय दुनिया को नई दिशा दिखाने वाला समय है। यह वह समय है जब बरसों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही है। हमें मानवता वादी केंद्रित होकर इन समस्याओं को सुलझाना है।
मोरक्को के भूकंप पीड़ितों के प्रति जाहिर की संवेदनाएं
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि मोरक्को में आए भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना प्रकट करना चाहता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि इस कठिन समय में पूरा विश्व समुदाय मोरक्को के साथ है। हम उन्हें हरसंभव सहायता पहुंचाने के लिए तैयार हैं। जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत आपका स्वागत करता है।
जिस स्थान पर हम एकत्रित हैं, वहां से कुछ ही किमी के फासले पर करीब 2,500 साल पुराना एक स्तंभ लगा है। इसमें पारकृत भाषा में लिखा है- मानवता का कल्याण और सुख सुनिश्चित किया जाए। ढाई हजार साल पहले भारत की भूमि ने यह संदेश पूरे विश्व को दिया था। आइये इस संदेश को याद कर के जी-20 का हम शुभारंभ करें।