तालिबान के जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एनबीसी समाचार से बात के दौरान एक हैरतअंगेज खुलासा किया है। मुजाहिद ने कहा कि इस बात का कोई भी सबूत नहीं है कि ओसामा ही 9/11 के हमलों में शामिल था। उसने आगे कहा कि 20 साल के बाद भी कोई सबूत मौजूद नहीं है। वहीं तालिबान के वापस आने के बाद से आतंकी संगठन अलकायदा के भी फिर से उभरने का खतरा मंडराता हुआ दिख रहा है।
जानकारों का कहना है कि अफगानिस्तान अब अनेक चरमपंथी गुटों की शरणगाह बन सकता है। यही वजह है कि राष्ट्रपति जो बाइडन ओवर द होराइजन क्षमता की बात कहते रहे हैं। उनके सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भी बताया था, खुफिया समुदाय का मानना है कि अलकायदा के पास अमेरिका पर पहले जैसा हमला करने की क्षमता नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी की कमजोर खुफिया क्षमता को चेतावनी की तरह लेना चाहिए।
जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में आतंकवाद विशेषज्ञ ब्रुस हॉफमैन का कहना है, अलकायदा अफगानिस्तान को इतनी जल्दी अमेरिका के खिलाफ इस्तेमाल नहीं कर सकता लेकिन वह सहयोगियों के जरिए हमले करा सकता है।