नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार दोपहर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। झटके का अहसास होते ही लोग घरों से बाहर के लिए दौड़े। ऑफिसों में काम कर रहे लोग भी कामकाज छोड़कर इमारतों से बाहर आ गए।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 रही। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर था। फिलहाल कहीं से भी जान-माल की हानि की सूचना नहीं है। भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर समेत जम्मू-कश्मीर के पूंछ इलाके में भी महसूस हुए।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।