कोरोना की दूसरी लहर थमी भी नहीं थी कि डेल्टा प्लस वैरिएंट ने सबको डराना शुरू कर दिया है। अभी तक यह वैरिएंट यूपी में नहीं पाया गया है, लेकिन चिकित्सा विज्ञानियों के अनुसार यह फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर पर पिछले वैरिएंट से दोगुना तेजी से चिपकेगा। डेल्टा प्लस से शरीर में खतरनाक निमोनिया और अंगों में सूजन की आशंका है।
मेडिकल कालेज के फिजिशियन डा. अरविंद का कहना है कि कोरोना वायरस की सतह पर मिलने वाला स्पाइक प्रोटीन कोशिकाओं से चिपककर शरीर में पहुंचता है। डेल्टा प्लस वैरिएंट में वायरस के स्पाइक प्रोटीन में बदलाव देखे गए हैं, जो कोशिकाओं के रिसेप्टर से और तेजी से चिपकेगा।
मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि गुजरी लहर में डेल्टा वायरस सक्रिय रहा होगा, जिसकी प्रोटीन में बदलाव हुआ है। ऐसे में डेल्टा प्लस के बारे में रिसर्च की जा रही है। हालांकि दुनिया के कई देशों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में भारत जैसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाले देश को बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा वायरस में म्यूटेशन से जरूरी नहीं कि यह खतरनाक और संक्रामक ही बनेगा। कमजोर भी पड़ सकता है।