लखनऊ। यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आज़म खान को लखनऊ MP/MLA कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने RSS को बदनाम करने के केस में उन्हें बरी कर दिया है। यह मुकदमा 2019 में हजरतगंज कोतवाली में दर्ज हुआ था। आरोप था कि मंत्री रहते हुए आज़म खान ने सरकारी लेटरहेड व मुहर का दुरुपयोग कर RSS को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने की कोशिश की थी।
आजम खान लखनऊ में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-द्वितीय के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। उनकी उपस्थिति के कारण, अदालत के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
आज़म खान के खिलाफ 2019 में दर्ज हुआ था केस
पूर्व मंत्री आज़म खान के खिलाफ फरवरी 2019 में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने अपने आधिकारिक लेटरहेड और आधिकारिक मुहर का दुरुपयोग किया। इन लेटरहेड के ज़रिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को बदनाम करने की कोशिश की गई। मामला 2014 का है, जब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी।
सामाजिक कार्यकर्ता अल्लामा ज़मीर नक़वी द्वारा 2019 में हजरतगंज थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया था कि 2014 में आज़म खान के लेटरहेड पर जारी छह पत्रों में आरएसएस के साथ-साथ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद और उनके निजी सचिव इमरान नक़वी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां लिखी गई थीं। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि शिया वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष वसीम रिजवी भी आरएसएस को बदनाम करने की इस साजिश में शामिल थे।
आजम खान ने की अखिलेश यादव से मुलाकात
इससे पहले आजम खान सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने उनके घर गए। आजम के जेल से बाहर आने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी मुलाकात थी। यह मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली। इससे 30 दिन पहले अखिलेश ने रामपुर जाकर आजम से बंद कमरे में मुलाकात की थी।




