लखनऊ। लखनऊ की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड में 10 लोगों को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने जिन दोषियों को इस मामले में दोषी पाया है, उनमें फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल शामिल हैं।
सीबीआई के मुताबिक साल 2013 में कुंडा के डीएसपी जिया उल हक पुलिस पार्टी के साथ बालीपुर इलाके के प्रधान नन्हे यादव के घर गए थे। उस समय इलाके में नन्हे यादव की हत्या होने के कारण हालात काफी खराब हो गए थे। कानून व्यवस्था खराब होने के चलते पुलिस पार्टी वहां पहुंची थी।
सीबीआई ने कहा कि आरोप है कि मृतक नन्हे यादव के परिवार वाले और समर्थको ने पुलिस के ऊपर लाठी डंडों और अन्य हथियार से हमला कर दिया था। भीड़ ने सीओ कुंडा जिया उल हक की इस दौरान हत्या कर डाली। सीबीआई की विशेष अदालत 9 अक्तूबर को दोषियों को सजा सुनाएगी। बता दें कि इस हत्याकांड में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी नाम उछला था। उनपर आरोप था कि राजा भैया के मैनेजर नन्हे सिंह ने डीएसपी पर गोली चलाई थी। हालांकि राजा भैया की इस हत्याकांड में भूमिका नहीं पाई गई। सीबीआई की जाच में दोबारा राजा भैया को क्लीन चिट मिल गई।