![पाकिस्तान, भारत, प्रेम शुक्लाा, सामरिक घेराबंदी, रणनीतिक घेराबंदी](https://liveuttarpradesh.com/wp-content/uploads/2016/09/prem-shukla-bjp.jpg)
लखनऊ। पाकिस्तान ने भारत के सष्णिुता की परीक्षा ली है। उस परीक्षा का परिणाम यह रहा कि जो लोग 70 वर्षों तक शासन में रहकर पाकिस्तान पर कार्यवाही नहीं कर पाए वो आज कार्यवाही की बात कर रहे हैं, यह बहुत सकारात्म संकेत हैं। उपरोक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने आज की खबर को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहीं।
लखनऊ में आयोजित शौर्य अवार्ड 2016 में शिरकत करने आए प्रेम शुक्ला ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की सामरिक घेराबंदी करने से पहले उसकी रणनीतिक घेराबंदी करनी पड़ती है भारत सरकार की इसी रणनीतिक घेराबंदी का नतीजा है कि आज पाकिस्तान सार्क देशों के बीच भी अलग-थलग पड़ गया है लेकिन धृतराष्ट्र के पुत्रों को यह दिखाई नहीं देता।
1971 के युद्ध का हवाला देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि मार्च 1971 में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी कि पाक हमले कर रहा है लेकिन उसका प्रतिकार दिसंबर में हो पाया। कांग्रेसियों का अपनी नेता इंदिरा गांधी का भी इतिहास याद नहीं है। सामरिक घेराबंदी मे वक्त लगता है।
1965 के युद्ध की नजीर देते हुए प्रेम शुक्ला ने कहा कि जब पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष जनरल अयूब से लंच पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मुलाकात हुई तो अयूब ने पूछा कि आप हम पर हमला क्यों नहीं कर रहे हैं तब शास्त्री ने कहा था कि हम हमला करेंगे लेकिन वक्त भी हमारा होगा जगह भी हमारी होगी और विजय भी हमारी ही होगी। कांग्रेसियों को अपना ही इतिहास पढ़ने की जरूरत है।