नई दिल्ली। भारत में करवा चौथ का त्यौहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा। इन दिन महिलाएं निराजल व्रत रखकर रात में चंद्र दर्शन के बाद उसे अर्ध्य देकर व्रत खोलती हैं। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं।
नवविवाहित औरतों के लिए ये व्रत काफी अहम होता है। वैसे तो कई औरतें शादी से पहले भी ये व्रत रखती हैं, लेकिन शादी के बाद का पहला करवा चौथ उनके लिए अलग ही एहसास लेकर आता है।
करवा चौथ की शाम सुहागन स्त्रियां छलनी से चांद देखकर व्रत खोलती हैं, इसलिए अमीर हो या गरीब सभी व्रत रखने वाली महिलाएं इस अवसर पर नई छलनी खरीदती हैं। व्रत की शाम छलनी की पूजा करके चांद को देखते हुए प्रार्थना करती हैं कि उनका सौभाग्य और सुहाग सलामत रहे।
करवा चौथ के दिन महिलाएं चांद और पति को इसीलिए देखती हैं छलनी से
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक चंद्रमा को भगवान ब्रह्मा का रूप माना जाता है और चांद को लंबी आयु का वरदान मिला हुआ है। चांद में सुंदरता, शीतलता, प्रेम, प्रसिद्धि और लंबी आयु जैसे गुण पाए जाते हैं। इसीलिए सभी महिलाएं चांद को देखकर ये कामना करती हैं कि ये सभी गुण उनके पति में आ जाएं।