लखनऊ। सावन के महीने में खानपान के विषय में आयुर्वेद में काफी जानकारी दी गई है। आयुर्वेद में कुछ चीजों को बादी बताया गया है जिसे खाने से पेट में गैस बनती है और सेहत से जुड़ी अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि आयुर्वेद में मानसून के सीजन में किन चीजों को खाने से परहेज करने के लिए कहा गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में हरी पत्तेदार सब्जियां बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। दरअसल ये वात को बढ़ाती हैं। इसके अलावा मानसून के दिनों में इनमें बैक्टेरिया और कीड़े भी देखे जा सकते हैं। इसलिए सावन में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने की मनाही है।
सावन के महीने में बैंगन नहीं खाया जाता। ऐसा माना जाता है कि बैंगन अशुद्ध है। इसके अलावा कार्तिक में भी बैंगन नहीं खाया जाता। अगर दूसरा पक्ष देखा जाए तो बारिश के दौरान बैंगन में कीड़े ज्यादा लग जाते हैं जो नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सावन के दौरान दूध और डेयरी प्रॉडक्ट जैसे दूध, दही पनीर, कच्चा दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। ये भी कहा जाता है कि सावन में कढ़ी नहीं खानी चाहिए। ये चीजें वात दोष बढ़ा देते हैं जिससे सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकता हैं। इन सभी चीजों को भगवान को तो अर्पित करनी चाहिए लेकिन इनका सेवन नहीं करना चाहिए।