नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में भड़की इस हिंसा में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती सैकड़ों लोगों का इलाज जारी है।
हिंसा की तमाम खबरों के बीच कुछ ऐसे लोगों के नाम भी सामने आए हैं जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जान बचाई। उन्हीं में से एक हैं पिता-पुत्र की जोड़ी जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर 70 मुसलमानों की जान बचाई।
24 फरवरी को गोकुलपुरी इलाके में भड़की हिंसा के दौरान ऐसे ही बाप-बेटे की इस जोड़ी ने बड़ी बहादुरी के साथ इलाके में फंसे करीब 70 मुसलमानों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और उनकी जान बचाई. जानकारी के मुताबिक, मोहिंदर सिंह ने अपने बेटे की मदद से अपने दुपहिया वाहनों पर गोकुलपुरी बाजार से मुस्लिम परिवारों को कर्दमपुरी तक पहुंचाया।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मोहिंदर सिंह ने बताया, “मैंने और मेरे बेटे ने हिंसा के दौरान लगभग 60 से 70 मुस्लिमों को शिफ्ट किया। मैं अपने स्कूटर पर था और मेरा बेटा अपनी बुलेट पर। हमने गोकुलपुरी से कर्दमपुरी इलाके तक 20 चक्कर लगाए. वे लोग डरे हुए थे। उनके डर को देखते हुए हमने उन्हें यहां से शिफ्ट करने का फैसला किया।”