नई दिल्ली। दीपावली के बाद पड़ने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) इस साल 17 से 20 नवंबर के बीच है। छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है, जिसमें प्रात:काल में भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पारण करके व्रत को पूरा करते हैं।
छठ पूजा एक दिन नहीं बल्कि चार दिवसीय उत्सव है। नहाय खाय से प्रारंभ होने वाले लोक आस्था के इस महापर्व का समापन प्रात:कालीन सूर्य को अर्घ्य देकर होता है। छठ पूजा में निर्जला व्रत रखकर छठी मैय्या और भगवान सूर्य की पूजा करते हैं।
यह सबसे कठिन व्रत माना जाता है। मुख्य रूप से बिहार व झारखण्ड में मनाया जाने वाला यह पर्व अब उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुबई समेत देश के अनेक छोटे-बड़े शहरों में धूमधाम से मनाया जाता है।
यह त्योहार सूर्य भगवान और उनकी बहन छठी माता को समर्पित है। इसे सूर्य षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है, इस दिन लोग निर्जला व्रत रखकर सूर्यदेव की पूजा करते हैं और दो बार स्नान करते हैं- सूर्यास्त और सूर्योदय के समय। उपवास करते समय क्या करें और क्या न करें, इसका ध्यान रखें।
छठ पूजा के दौरान पूरे परिवार की भलाई की कामना करते हुए भगवान सूर्य को सुबह और शाम के अर्घ्य से पहले प्रसाद चढ़ाया जाता है।