नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पहले चरण का मतदान 1 दिसंबर को होगा जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात चुनावों का नतीजा भी 8 दिसंबर को आएगा।
गुजरात चुनाव में 2007 से ही दिसंबर में चुनाव होता रहा है और दो राउंड में वोटिंग की परंपरा रही है। चुनाव के ऐलान के साथ ही गुजरात में अधिसूचना लागू हो गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है, जिसमें अभी करीब 100 दिन बाकी हैं। 10 अक्टूबर, 2022 को राज्य में मतदाता सूचियों का प्रकाशन हो चुका है। इस बार 4.9 करोड़ मतदाता गुजरात चुनाव में वोट डालेंगे।
उन्होंने कहा कि 1 अक्टूबर, 2022 तक 18 साल के होने वाले युवाओं को भी वोटिंग का मौका दिया जा रहा है। कुल 4.6 लाख वोटर ऐसे हैं, जो पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। राज्य में मतदान के लिए कुल 51,782 केंद्र बनाए जाएंगे। मतदान केंद्रों पर पीने के पानी की सुविधा होगी और बुजुर्गों के आराम के लिए वेटिंग एरिया भी बनाया जाएगा।
बुजुर्ग और दिव्यांग घर से ही कर सकेंगे मतदान, ऐसे मिलेगी सुविधा
मतदाताओं के अनुभव को बेहतर करने के लिए राज्य में 142 मॉडल पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके अलावा 1,274 मतदान केंद्र ऐसे होंगे, जहां सिर्फ महिला कर्मियों एवं सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी। हर जिले में कुछ बूथ ऐसे होंगे, जहां एकदम युवा निर्वाचन कर्मियों को तैनात किया जाएगा। युवाओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह फैसला लिया है।
दिव्यांगों के लिए भी राज्य में कुल 182 स्पेशल पोलिंग स्टेशन होंगे। वहीं एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा, जहां सिर्फ एक ही मतदाता है, लेकिन उनके मत के लिए भी 15 कर्मियों की टीम जाएगी। 80 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों और 40 फीसदी से ज्यादा दिव्यांगता से प्रभावित लोगों को घर से ही बैलेट पेपर के जरिए मतदान की सुविधा मिलेगी। इसके लिए उन्होंने फॉर्म 12डी भरना होगा।
आपराधिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को देनी होगी अपनी डिटेल
गुजरात में करीब 9.80 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी आयु 80 साल से अधिक है। मतदाता यदि कहीं भी मनी पावर या मसल पावर का इस्तेमाल होता देखते हैं तो वे सी-विजिल ऐप पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
शिकायत करने पर 100 मिनट के भीतर चुनाव आयोग की ओर से जवाब दिया जाएगा। यदि किसी उम्मीदवार का आपराधिक बैकग्राउंड है तो पार्टियों को बताना होगा कि उन्हें यही उम्मीदवार क्यों बेहतर लगा। इसके अलावा कैंडिडेट को प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर के मीडिया में अपने बारे में जानकारी प्रकाशित करनी होगी।