लखनऊ। उप्र के बिजनौर जनपद के स्योहारा निवासी एनआईए अफसर तंजील अहमद व उनकी पत्नी फरजाना हत्याकांड के दोषी मुनीर अहमद की सोनभद्र जेल में बीमारी के चलते मौत हो गई। मुनीर ने दो अप्रैल 2016 की रात्रि शादी समारोह से स्योहारा लौटते समय एनआईए अफसर तंजील अहमद व उनकी पत्नी फरजाना की ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर हत्या कर दी थी।
तंजील हत्याकांड में फांसी की सजा पाने वाले कुख्यात गैंगस्टर मुनीर कुख्यात अपराधी रहा है। उसके खिलाफ 33 मुकदमे दर्ज हैं। अलीगढ़ में ही उसके खिलाफ 15 मुकदमे हैं। आठ केस बिजनौर में दर्ज हुए हैं। दिल्ली और अन्य जगहों पर भी कई केस दर्ज हैं। पुलिस रिकार्ड की मानें तो मुनीर के खिलाफ पहला मुकदमा साल 2013 में अलीगढ़ के सिविल लाइन थाना में दर्ज हुआ था। इसके बाद दिल्ली के जामिया नगर में लूट का मुकदमा भी साल 2013 में ही लिखा गया। इसी साल अलीगढ़ में दो और मुकदमे दर्ज हुए।
साल 2014 में दस मुकदमे मुनीर के खिलाफ अलीगढ़ और दिल्ली में दर्ज हुए। दिल्ली के जाफराबाद में साल 2014 में ही लूट और हत्या का केस हुआ। दिल्ली के रुपनगर थाने में भी इसी साल एक और हत्या का केस मुनीर के खिलाफ लिखा गया। दिल्ली के बाद अलीगढ़ में भी साल 2014 में हत्या का केस दर्ज हुआ। लखनऊ में भी एक हत्या समेत दो केस मुनीर के खिलाफ दर्ज हैं।
छह साल पहले साल 2016 में मुनीर ने एनआईए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी की हत्या कर सनसनी फैला दी थी। देशभर में इस हत्याकांड की गूंज रही। एनआईए के अफसर पठानकोट हमले की जांच से जुड़े हुए थे जो शादी में शामिल होने बिजनौर आए थे। अलीगढ़ से लूटी गई रिवाल्वर से मुनीर ने इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था।
मुनीर का हत्या और लूट की वारदातों से पुराना नाता रहा है। मुनीर ने 29 नवंबर 2014 को कमला मार्केट में एटीएम से डेढ़ करोड़ रुपये की लूट की थी और गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी थी। साल 2013 में अलीगढ़ में एक ठेकेदार को गोली मारकर उसकी रिवॉल्वर छीनी। 2014 में अलीगढ़ में जीआरपी के सिपाही को गोली मारकर पिस्टल छीन लिए जाने का आरोप था। अलीगढ़ में बैंक लूट को भी मुनीर ने अंजाम दिया था।