लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सार्वजनिक व व्यक्तिगत जीवन में नागरिक का समाज व देश के प्रति क्या दायित्व है, यह अटल जी ने बताया। अटल जी ने 6 दशक के सार्वजनिक जीवन में अपने व्यक्तित्व व कृतित्वों से नई प्रेरणा देते हुए बताया कि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक जीवन में मूल्यों व आदर्शों की राजनीति कैसे कर सकता है। अटल जी कवि, लेखक, पत्रकार, संवेदनशील जनप्रतिनिधि तो थे ही। साथ-साथ विदेश नीति को वैश्विक मंच पर प्रभावी ढंग से रखने वाले प्रखर राजनेता भी थे। वे देश के नेतृत्वकर्ता के रूप में भारत की राजनीति को अस्थिरता के दौर से उबारकर स्थिरता, जवाबदेह व पारदर्शी कैसे बने, इसके प्रतीक पुरुष थी थे।पीएम के रूप में देश के सामने गरीब कल्याण, शासन-प्रशासन की व्यवस्था, शुचिता व पारदर्शिता के मानक हों या भारत को परमाणु संपन्न बनाने व इंफ्रास्ट्रक्चर के बुनियादी ढांचे के विकास की कार्ययोजना। अटल जी ने अपने कार्यकाल में इन्हें प्रभावी ढंग से रखकर 100 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाया था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह बातें रविवार को कवि हृदय, पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी के जन्मदिवस ‘सुशासन दिवस’ पर कहीं। लोकभवन में उनकी कविताओं का गान-पाठ व उनके जीवन दर्शन पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। योगी सरकार की महत्वाकांक्षी अटल आवासीय विद्यालय योजना पर लघु फिल्म भी दिखाई गई।
सीएम ने कहा कि अटल जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में आयोजित किया जाता है। सीएम ने देश के लिए उनकी सेवाओं को स्मरण करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी और महान शिक्षाविद् व समाजसेवी महामना पं. मदन मोहन मालवीय को भी जन्मदिवस पर नमन किया।
अटल जी ने समन्वय व संवाद की राजनीति को दी प्राथमिकता
सीएम ने कहा कि अटल जी ने राजनीति में मूल्यों व आदर्शों को ध्यान में रखते हुए परस्पर समन्वय व संवाद को प्राथमिकता देते हुए अस्थिरता की राजनीति को स्थिरता में बदलने का कार्य पीएम के रूप में किया था। आज वही स्थिरता पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत को दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में उभार रही है। आजादी का अमृत महोत्सव में भारत की अर्थव्यवस्था उस ब्रिटेन से बढ़ी हुई है, जिसने हम पर 200 वर्ष तक शासन किया था। यह गौरव की बात है कि 20 विकसित देशों ( जिनका 75 फीसदी बाजार, 60 फीसदी आबादी और जीडीपी पर 85 फीसदी का अधिकार) का नेतृत्व अगले वर्ष तक पीएम मोदी कर रहे हैं। 8 वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में हुए अनथक परिश्रम और 1998 से 2004 के बीच अटल जी ने जो आधारशिला रखी थी। भारत के गौरव को उसकी परिणीति के रूप में देख सकते हैं।
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शासन की व्यवस्था का संवेदनशील होना सुशासन का लक्षण है
सीएम ने कहा कि शासन की व्यवस्था का संवेदनशील होना सुशासन का लक्षण है। गरीबों की सुनवाई, लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करते हुए बिना भेदभाव के हर गरीबों को मकान, शौचालय, रसोई गैस कनेक्शन, कोरोना में हर गरीब को फ्री में राशन की सौगात मिलना सुशासन का लक्षण है। अटल जी ने सार्वजनिक जीवन में इसका सपना देखा था। वह साकार रूप में हमारे सामने है।
अटल जी की प्रेरणा से कार्यों को बढ़ा रही डबल इंजन की सरकार
सीएम ने कहा कि बुजुर्गों से पूछिएगा कि जब पिछली सदी के प्रारंभ में स्पेनिस फ्लू आया था। बीमारी से गांव के गांव साफ हो गए, दुनिया में करोड़ों लोगों की मौत हुई थी। बीमारी से अधिक मौतें भूख से हुई थीं, लेकिन सरकार की संवेदनशीलता का परिणाम है कि कोरोना के दौरान पहली बार हुआ कि 135 करोड़ लोगों के लिए फ्री में टेस्ट, उपचार व बीमारी के 9 महीने के अंदर दो-दो वैक्सीन आ गई। इधर फिर से फ्री में दो वैक्सीन उपलब्ध कराई गई। पहली बार महामारी के दौरान 80 करोड़ से अधिक लोगों को राशन की सौगात मिली। यह सरकार की संवेदनशीलता है। डबल इंजन की सरकार संवेदनशीलता के प्रतीक पुरुष अटल जी की प्रेरणा से कार्यों को बढ़ा रही है।
सर्वमान्य नेता के रूप में थी अटल जी की स्वीकार्यता
सीएम ने कहा कि अटल जी ने मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता दी। सर्वमान्य नेता के रूप में देश-दुनिया में उनकी स्वीकार्यता थी। वैश्विक मंच पर जब भारत के सामने संकट आता था तो तत्कालीन सरकारें भी उन्हें देश का नेतृत्व करने भेजती थीं। देश में संकट के समय पक्ष-विपक्ष के भेदभाव को समाप्त कर वे सरकार के साथ खड़े होते थे और हमेशा कहते थे कि राजनीतिक प्रतिद्ंद्विता हो सकती है, लेकिन दल के हित से महत्वपूर्ण देश का हित होगा। 1971 में अटल जी ने विपक्षी दल के नेता के रूप में कांग्रेस की नीतियों को देशहित में समर्थन दिया था पर जब कांग्रेस निरंकुशता ढाने लग गई तो 1977 में जनता पार्टी में भारतीय जनसंघ के विलय में संकोच नहीं किया। देशहित में दलहित को दरकिनार कर दिया। यह काम केवल भाजपा ही कर सकती है। यही कारण है कि हर दल का व्यक्ति श्रद्धा व सम्मान से अटल जी को स्मरण करता है।
जनप्रतिनिधियों का आह्वान- बिना भेदभाव समाज के हर तबके को मिले योजनाओं का लाभ
सीएम ने जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि नेतृत्व करते समय ध्यान रखना होगा कि बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके को हमारी योजनाओं का लाभ मिले। शासन की कार्ययोजना हर गरीब, किसान, नौजवान, महिला व दबे-कुचले लोगों के लिए होती है। इन लोगों तक योजना का लाभ मिले, यह प्राथमिकता होनी चाहिए।
लोकभवन में अटल जी की प्रतिमा लगाकर आदर्श के रूप में रखा
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा से श्रद्धेय अटल जी की स्मृतियों को बढा़ने का कार्य किया। लोकभवन मुख्यमंत्री कार्यालय भी है। यहां अटल जी की प्रतिमा लगाकर हमने आदर्श के रूप में रखा है। यूपी के नौजवानों को मेडिकल की अच्छी शिक्षा मिले, इसलिए उनकी कर्मभूमि लखनऊ में अटल विहारी वाजपेयी मेडिकल विश्वविद्यालय का निर्माण हो रहा है। दबे-कुचले-वंचित व निराश्रित बालक-बालिकाओं के लिए पहले चरण में 18 कमिश्नरी में अटल आवासीय के निर्माण का कार्य चल रहा है। नए सत्र में यहां अत्याधुनिक शिक्षा के लिए पंजीकृत श्रमिकों, कोविड समेत अन्य काल में हुए निराश्रित बच्चों के लिए सारी व्यवस्था करने जा रहे हैं। अटल जी के व्यक्तित्व के अनुरूप विद्यालय का निर्माण हो और कार्यपद्धति संवेदनशीलता से बढ़कर बच्चों के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार ने कदम बढ़ाए हैं।
सीएम ने बताया कि अटल जी के पैतृक भूमि बटेश्वर के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार ने कार्य किया। लखनऊ विश्वविद्यालय में अटल जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर शोधपीठ के रूप में अटल पीठ का निर्माण प्रारंभ हुआ। सीएम ने विश्वास जताया कि सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए ईमानदारी, पारदर्शिता व निष्पक्षता का समावेश करते हुए सार्वजनिक जीवन में शुचिता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधियों के द्वारा आगे बढ़ाने के साथ अटल जी के प्रेरणादायी व्यक्तित्व से सहभागी बन पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने महामना को भी किया नमन
सीएम ने महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक, राष्ट्रीय जीवन में उनका अतुलनीय योगदान रहा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान देकर सांस्कृतिक चेतना को जागृत करने के लिए मालवीय जी के योगदान को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
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अटल जी की कविताओं को दिया स्वर
कार्यक्रम में सबसे पहले शिवाकांत कमलाकांत ने अटल जी की कविता हृदय-हृदय में एक आग है, कंठ-कंठ में एक राग है और गीत नया गाता हूं को स्वर दिया।
नई दिल्ली से आए गजेंद्र सोलंकी ने ‘आशाओं का दीप जलाता भारत मां का एक पुजारी’ और ‘वे अटल थे, अटल ही जिए वे सदा’ सुनाया।
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सीएम ने सुनी पीएम के मन की बात
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर संयुक्ता भाटिया समेत कई जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, बच्चों व गणमान्य लोगों ने प्रधानमंत्री के मन की बात भी सुनी। पीएम ने 100वें एपिसोड को लेकर सुझाव मांगे। पीएम ने कोरोना को लेकर सतर्कता बरतने की भी सलाह दी। कहा कि सावधान रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे।