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पहले लिथियम फिर मिला देश में सोने का भंडार, ये तीन जिले भरेंगे भारत की तिजोरी

भारत आज विकासशील देश है। हालाँकि, कुछ शताब्दियों पहले, इसे ‘सोने की चिड़िया’ के नाम से जाना जाता था । इसमें कृषि, खनिज, प्रकृति, बुद्धि और सौंदर्य सहित सब कुछ था। भारत को दुनिया का सबसे धनी देश माना जाता था।

भारत के जम्मू-कश्मीर में लिथियम का खजाना मिलने के बाद अब भारत के लिए एक और बड़ी खबर है। देश के 3 जिलों में सोने का भंडार मिला है। खबर के मुताबिक जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने अपने सर्वे में पाया है कि ओडिशा के तीन जिलों में सोने का भंडार पाया गया है।

ओडिशा के खनन मंत्री प्रफुल्ल मलिक ने जानकारी दी है कि यह भंडार देवगढ़, क्योंझर और मयूरभंज जिले में पाया गया है। विधानसभा में विधायक सुधीर कुमार सामल के सवाल पर मंत्री प्रफुल्ल मलिक ने लिखित जवाब देते हुए कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और और राज्य के खनन और भूविज्ञान निदेशालय ने अपने सर्वेक्षण में यह पाया है कि देवगढ़, क्योंझर और मयूरभंज के जिले में सोने का भंडार मिला है।

कहां-कहां मिला सोने का भंडार

मानना है कि यह सोने का भंडार मयूरभंज के चार जगहों, देवगढ़ के एक जगह पर और क्योंझर के चार स्थान पर पाया गया है। इसमें मयूरभंज जिले का सुरियागुडा, रुआंसिला,धुशूरा पहाड़ी  और जोशीपुरा क्षेत्र शामिल है। देवगढ़ के अदास और क्योंझर का दिमिरिमुंडा, कुशकला, गोटीपुर और गोपुर में यह भंडार मिला है।

इसके साथ ही प्रफुल्ल मलिक ने अपने जवाब में यह भी कहा कि इन इलाकों में साल 1970 और 1980 में GSI का सर्वे करवाया गया था, लेकिन उसका परिणाम जारी नहीं किया गया था। मगर पिछले 2 सालों से GSI इन तीन जिलों के अंदर लगातार सर्वे कर रही था। इसके बाद यह पता चला कि इन जगहों पर सोने का भंडार है।

फिलहाल यह अभी तक साफ नहीं हुआ है कि इन तीनों जिले में मिला सोने का भंडार कितना बड़ा है और इसमें कितनी मात्रा में गोल्ड मौजूद है।

इससे पहले भारत में मिला था लिथियम का भंडार

सोने से पहले देश में पहली बार लिथियम का भंडार मिला था। यह भंडार जम्मू कश्मीर के रियासी में मिला था। यह जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी GSI के मुताबिक यह भंडार 59 लाख टन का है। इतनी बड़ी मात्रा में लिथियम मिलने के बाद भारत को अब इसके लिए बाकी देशों पर निर्भर नहीं पहना पड़ेगा।

बता दें कि लिथियम सफेद रंग का एक धातु होता है जो सबसे ज्यादा बैटरी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में इसे वाइट गोल्ड भी कहते हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH