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यूपी: बिजली कर्मियों की हड़ताल से बिगड़ते जा रहे हालात, तीन हजार से ज्यादा संविदाकर्मी बर्खास्त

लखनऊ। उप्र में बिजली कर्मियों की हड़ताल से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में लोगों को भीषण कटौती का सामना करना पड़ा है। मौसम खराब होने की वजह से जगह-जगह हुए फॉल्ट ने समस्या और बढ़ा दी। कोई कर्मचारी फॉल्ट ठीक करने नहीं पहुंचा। शहरों में भी ऐसे ही हालत रहे। हड़ताल को लेकर सरकार ने और सख्ती दिखाई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद स्थिति की समीक्षा की। साथ ही आपूर्ति में बाधा डालने वाले तथा अराजकता पैदा करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का निर्देश दिए। पावर कॉरपोरेशन ने 16 अधिशाषी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ को निलंबित कर दिया गया है। तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है।

22 कर्मचारी नेता समेत कुल 29 के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) के तहत FIR दर्ज कराई गई है। सात मैनपावर एजेंसी के प्रबंधकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। वहीं, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि सभी पदाधिकारी लखनऊ में मौजूद हैं। सरकार गिरफ्तार करे। कॉरपोरेशन प्रदेश भर में 18 से 24 घंटे आपूर्ति का दावा कर रहा है।

ऊर्जा मंत्री के साथ संघर्ष समिति के नेताओं की शनिवार रात करीब 10 बजे बैठक हुई। घंटेभर हुई बातचीत में कर्मचारी नेताओं ने सभी मांगों को माने जाने और दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की। ऊर्जा मंत्री ने तत्काल मांगें माने जाने पर असमर्थता जताई। इस पर नेताओं ने फिर से बातचीत होने की बात कही।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि हम कर्मचारियों से काम पर लौटने और वार्ता की लगातार अपील कर रहे हैं। मार्च में हड़ताल से राजस्व का नुकसान हो रहा है। भारी कर्ज के चलते कर्मचारियों की अनर्गल मांगें पूरी नहीं की जा सकती हैं। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है।

प्रदेश में करीब एक लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा, संघर्ष समिति ऊर्जा मंत्री से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है। निविदा/संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश, बड़े पैमाने पर बिजलीकर्मियों के विरुद्घ केस व समिति पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश की वजह से कर्मचारियों में आक्रोश है।

हड़ताल से प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक खेत्रों में शनिवार को भी उत्पादन प्रभावित हुआ। उद्यमियों का कहना है, अभी तक छिटपुट कटौती है, पर हड़ताल लंबी चली तो समस्या ज्यादा बढ़ सकती है। इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के अधिशासी निदेशक डीएस वर्मा ने बताया कि कानपुर, वाराणसी सहित कई जगह से बिजली समस्या की शिकायतें मिली हैं। हालांकि, निगमों ने भरोसा दिया है कि उन्हें बिजली मिलती रहेगी।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिजली कर्मियों की हड़ताल पर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया कि निजी हाथों में बिजली सौंपने के लिए दिल्ली-लखनऊ मिलकर प्रदेशवासियों एवं बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। भाजपाई संविदाकर्मियों का रोजगार छीनना चाहते हैं। जो पुलिस कानून व्यवस्था नहीं संभाल पाती, वह बिजली क्या संभालेगी? सपा के समय घाटे से उबरा पावर कॉरपोरेशन अब घाटे में क्यों है?

उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा कि डबल इंजन की सरकार में उत्तर प्रदेश को बिना बिजली के रहने का अभिशाप मिला है। बच्चे बूढ़े परेशान हैं। मरीजों का हाल बेहाल है। व्यापार-कारोबार ठप है। प्रशासन की बत्ती गुल है। भाजपा सरकार समझ ले कि उत्तर प्रदेश को बुलडोजर की जगह जनरेटर की जरूरत है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH