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हाथरस भगदड़: अब तक 121 की मौत, आयोजन में शामिल थे ढाई लाख लोग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा भोले के सत्संग में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंच गई है। इनमें से कईयों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। इसके लिए प्रशासन की ओर मृतकों की सूची जारी की गई है।

हाथरस हादसे को लेकर प्रशासन की ओर से जारी सूची के मुताबिक मरने वालों में ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। घटना के बाद तमाम आला अधिकारी मौक़े पर मौजूद हैं। मंगलवार शाम को डीजीपी प्रशांत कुमार भी घटना स्थल पर पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। डीजीपी ने कहा कि इस मामले में जांच की जा रही है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।

बता दें कि हाथरस हादसे के बाद मृतक के परिजनों ने प्रशासन पर सवाल उठाया है। हादसे में जान गंवाने वाले एक व्यक्ति के परिजन अजीत कुमार ने बताया कि यहां अस्पताल में किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी। डॉक्टर इधर-उधर घूम रहे थे। हमको केवल बताया गया कि परिजन की मौत हो चुकी है। लाशें ऐसे ही पड़ी हैं और कुछ लोगों को लाश भी नहीं मिल पा रही है। प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं है।

वहीं इस हादसे पर सत्संग के आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने बताया कि, ये कार्यक्रम 13 साल बाद हाथरस में आयोजित हुआ था। हमने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कार्यक्रम का आयोजन कराया था। हमारे पास तीन घंटे की परमिशन थी। एक लाख से अधिक श्रद्धालु आयोजन के कार्यक्रम में मौजूद थे। जब कार्यकम खत्म हुआ तब भगदड़ मच गई। कार्यक्रम खत्म होने के बाद कीचड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे, कोई संभालने वाला नहीं था। प्रशासन से कोई भी वहां मौजूद नहीं था।

उन्होंने आगे बताया कि, ‘दोपहर एक बजे के बाद जब कार्यक्रम खत्म हुआ तो ये घटना घटी। कार्यक्रम खत्म हुआ तो एक साथ भागने में यह भगदड़ मची। उन्होंने आरोप लगाया कि, प्रशासन की कमी की वजह से ये हादसा हुआ है। प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के आने की दी थी जानकारी पर उस हिसाब से वहां व्यवस्था नहीं थी। हमने 12 हजार सेवादारों की व्यवस्था की थी। बरसात के मौसम में कीचड़ की वजह से लोग गिरने लगे थे और भगदड़ के बाद लोग एक दूसरे पर गिरने लगे।

बता दें कि सत्संग का आयोजन बाबा नारायण साकार हरि उर्फ साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा ने किया था। डीएम ने बताया कि वहां कानून-व्यवस्था के लिए ड्यूटी लगाई गई थी। अंदर की व्यवस्था स्वयं (बाबा) उनके द्वारा की जानी थी। ये घटना कैसे हुई इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH